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Exclusive: शरीफों को फंसाने की 'सुपारी' ले रहे ANTI-ROMEO दस्ते, स्टिंग में कैद हकीकत

इंडिया टुडे की जांच से सामने आया कि एंटी रोमियो स्क्वॉड्स में शामिल पुलिसकर्मी ना सिर्फ लोगों का उत्पीड़न कर रहे हैं बल्कि निर्दोषों को झूठे मामलों में फंसा रहे हैं.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

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ज्यादा से ज्यादा एंटी-रोमियो स्क्वॉड को 'मॉरल पुलिस' कह कर तंज किया जा सकता है. वो पार्कों में छुपे तौर पर नजर रखते हैं. वो युवा लोगों से उठापटक कराते हैं. सार्वजनिक तौर पर जोड़ों को तमाचे जड़ते हैं. लेकिन इंडिया टुडे की जांच में उत्तर प्रदेश पुलिस का ऐसा चेहरा सामने आया है जो हैरान-परेशान करने वाला है. वही उत्तर प्रदेश पुलिस जिसके दम पर योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एंटी रोमियो स्क्वॉड्स गठित किए हैं.

घूसखोरी का जरिया बने एंटी-रोमियो दस्ते
इंडिया टुडे की जांच से सामने आया कि एंटी रोमियो स्क्वॉड्स में शामिल पुलिसकर्मी ना सिर्फ लोगों का उत्पीड़न कर रहे हैं बल्कि निर्दोषों को झूठे मामलों में फंसा रहे हैं. सिर्फ इसलिए कि कार्रवाई का डर दिखा कर घूस झटकी जा सके. बेशर्मी से हो रहे इस ठगी के खेल को इंडिया टुडे के अंडर कवर रिपोटर्स ने बेनकाब किया. एंटी रोमियो पुलिस की ये नई भूमिका पद के दुरुपयोग की निर्लज्ज मिसाल है.

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कैमरे में कैद पुलिस का सच
मेरठ के ट्रांसपोर्ट नगर में सब इंस्पेक्टर ओंकार नाथ पांडेय ने इंडिया टुडे के अंडर कवर रिपोर्टर्स के सामने उन सारे हथकंडों का खुलासा किया जिनके जरिए किसी निर्दोष पुरुष को बिना उसका कोई अपराध हुए फंसाया जाता है. इंडिया टुडे के अंडर कवर रिपोर्टर्स ने अपनी जांच के तहत काल्पनिक कारोबारी प्रतिद्वंद्वी का हवाला देते हुए पांडे से संपर्क किया था. पांडे ने उसके (काल्पनिक कारोबारी) के खिलाफ हथियार की बरामदगी दिखाने का भी वादा किया.

पांडे ने कहा, 'मैं क्या कह रहा हूं कि उसके साथ (सड़क पर) कोई साथी होना चाहिए. चाहे वो पुरुष ही क्यों ना हो. उसे भरोसे में लिया जाए. शराब पीने के बाद कोई झगड़ा हो. वो आदमी उसे (काल्पनिक कारोबारी को) भड़काए. वो अपनी सुध खो देगा. तब पुलिस को बुलाया जाए. पुलिस उसे उठा लेगी और उसके खिलाफ मुकदमा चलेगा.'

अंडर कवर रिपोर्टर ने पूछा, 'क्या उसे जेल भेज दिया जाएगा.'

मेरठ के ट्रांसपोर्ट नगर में एंटी रोमियो स्क्वॉड चीफ पांडे ने कहा, 'निश्चित रूप से वो जेल जाएगा. हम उस पर हथियार का केस दर्ज करेंगे और उसे सजा होगी.' पांडे ने ये सब करने के लिए 50,000 रुपए की मांग की.

पांडे ने कहा, ये (घूस) कम से कम 50.000 रुपए होनी चाहिए.

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अंडर कवर रिपोर्टर ने कहा- 50,000 रुपए? 50,000 रुपए में क्या किया जाएगा?

पांडे ने जवाब दिया- 'उसे जेल भेजा जाएगा.'

बिना शिकायत कार्रवाई को तैयार थी पुलिस
इंडिया टुडे जांच टीम ने फिर बुलंदशहर का रुख किया. बुलंदशहर पुलिस स्टेशन पर एंटी रोमियो स्क्वॉड के मुखिया सब इंस्पेक्टर विनीत वर्मा ने अंडर कवर रिपोर्टर से जिस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई कराना चाहते हैं उसकी फोटो व्हाट्सअप पर भेजने के लिए कहा.

विनीत वर्मा ने कार्रवाई के लिए लिखित में शिकायत की जरूरत भी नहीं जताई. कैमरे में कैद बातचीत में वर्मा किसी निर्दोष को तंग करने, पीटने, यहां तक कि प्रताड़ित करने को भी तैयार दिखा.

वर्मा ने कहा, 'लिखित में कुछ नहीं (जरूरत नहीं). हम उस पर केस लगवाएंगे. हम ऐसा करवाएंगे.'

आगरा के नई मंडी इलाके में एंटी रोमियो स्क्वॉड की कमान संभालने वाले वेद प्रकाश तो एक कदम और आगे निकला. वेद प्रकाश ने काल्पनिक शख्स को दंगे के अनसुलझे केस में फंसाने की पेशकश की.

प्रकाश ने कहा, 'पुलिस पर हवेली गरीब खान के पास हमला हुआ था. काफी पथराव भी हुआ. दंगे में 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ.' प्रकाश ने कहा, 'हम उसके (काल्पनिक शख्स) खिलाफ मजिस्ट्रेट कोर्ट से वारंट जारी कराएंगे. जिस दिन भी वो यहां आए उसके बारे में हमें बता देना. हम वारंट ले जाकर उसे धर लेंगे. उसे एफआईआर वाले 150 अज्ञात लोगों में से एक के तौर पर नामजद कर लिया जाएगा.'

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एनसीआर में भी यही हकीकत
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के तहत आने वाले यूपी के इलाकों में भी पुलिस अधिकारी पैसा लेकर किसी निर्दोष को फंसाने के लिए तैयार दिखे. गाजियाबाद के लोनी पुलिस स्टेशन में स्पेशल ऑपरेशन्स ग्रुप से जुड़े बाबूदीन ने कहा कि किसी निर्दोष व्यक्ति के खिलाफ कोई भी केस लगवाया जा सकता है लेकिन इसके लिए मोटी घूस देनी होगी.

बाबूदीन ने कहा, 'इस काम में पैसा लगेगा लेकिन पुलिस को काम भी करना होगा. हमें उसके खिलाफ मजबूत केस तैयार करने के लिए घंटों लगाने होंगे. उसके बाद हम जहां चाहेंगे वहां से उसे उठा सकते हैं. वो चाहे दुनिया के किसी भी कोने में छुपा हो, हम उसके खिलाफ कोई भी केस दर्ज करा सकते हैं.'

जांच के लिए इस पूरे प्लॉट में एक ऐसे काल्पनिक शख्स को केंद्र में रखा गया जिसके एक महिला के साथ सहमति से संबंध हैं. बाबूदीन ने कहा, 'ये सब इस पर निर्भर करता है कि आप कितनी जेब ढीली करते हैं. छह महीने जेल में रखने के लिए तीन लाख रुपए लगेंगे. वो 36 घंटे के अंदर सलाखों के पीछे होगा.'

जल्दी ही बाबूदीन की टीम के अन्य सदस्य भी इस नापाक प्लॉट में साथ देने के लिए सामने आ गए. ये सभी काल्पनिक शख्स को उस जगह से उठाने के लिए आतुर दिखे जहां वो डेटिंग के लिए जाता. साथ ही उसके कॉल डिटेल्स निकलवा कर फर्जी आरोपों में हिरासत में लेने के लिए तैयार दिखे.

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सरकार की प्रतिक्रिया
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने इंडिया टुडे के स्टिंग को हैरान करने वाला बताया है. शर्मा ने कहा, 'जो मैं सुन रहा हूं वो हैरान करने वाला है. ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे प्रशासन में इस तरह की बातें हो रही हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ हम कार्रवाई करेंगे. आपका स्टिंग ऑपरेशन हमारे प्रशासन को प्रो-एक्टिव बनाएगा. लेकिन एंटी रोमियो स्क्वॉड्स के अच्छे काम को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. जो शोहदे पहले स्कूल-कॉलेज जाने वाली लड़कियों को तंग करते थे वो अब पुलिस से डरते हैं. महिला कांस्टेबल भी हमारे साथ हैं. 7.5 लाख लोगों से पूछताछ की जा चुकी है. एफआईआर दर्ज की जा रही हैं और केस दर्ज किए जा रहे हैं. उनके अभिवावकों को उनकी गतिविधियों के बारे में बताया जा रहा है. पुलिस ऑफिसर्स अब भी वही हैं जो दो महीने पहले थे. हमें कानूनविहीनता विरासत में मिली है. आपने कैमरे पर जिन लोगों की पहचान की है, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.'

पुलिस की सफाई
यूपी पुलिस के आईजी अमिताभ ठाकुर ने कहा, 'कानून और उन पर अमल को दोष नहीं दिया जा सकता. समाज की ऊंची पायदान की महिलाओं के लिए सड़कों पर घूमने वाले रोमियो समस्या नहीं हैं. लेकिन छोटी जगहों पर महिलाओं के लिए ये बड़ा मुद्दा है. आपके स्टिंग ने उन असली मुद्दों को उठाया है.'

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