विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद भी समाजवादी पार्टी का पारिवारिक झगड़ा सुलझने का नाम नहीं ले रहा है. अब अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल यादव के पांच करीबी नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया है. शिवपाल यादव ने पिछले दिनों समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनाने की मंशा जाहिर की थी. माना जा रहा है कि अखिलेश की ये कार्रवाई इसी का जवाब है.
इन नेताओं पर गिरी गाज
समाजवादी पार्टी की यूपी इकाई के अध्यक्ष नरेश उत्तम ने बताया की पार्टी ने दीपक मिश्र, मोहम्मद शाहिद, राजेश यादव, रमेश यादव और कल्लू यादव को अखिलेश यादव के निर्देश के बाद निष्कासित किया है. इन सभी पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया है. दीपक मिश्र समाजवादी पार्टी के महासचिव रह चुके हैं. वहीं मोहम्मद शाहिद पार्टी के पूर्व प्रवक्ता हैं. रमेश यादव समाजवादी पार्टी की नोएडा इकाई के अध्यक्ष थे जबकि कल्लू यादव समाजवादी पार्टी युवजन सभा की नोएडा इकाई के अध्यक्ष थे.
शिवपाल के बगावती तेवर
अखिलेश यादव ने ये कार्रवाई शिवपाल यादव के समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनाने के ऐलान के बाद की है. शिवपाल यादव मांग कर रहे हैं कि अखिलेश यादव पार्टी के अध्यक्ष की कुर्सी मुलायम सिंह यादव को सौंपे. अगर ऐसा नहीं होता है तो वो अलग मोर्चा बनाने के लिए मजबूर होंगे. हालांकि इस ऐलान पर मुलायम सिंह यादव का रुख साफ नहीं है. उन्होंने हाल ही में कहा था कि वो शिवपाल यादव का दर्द समझते हैं लेकिन उन्हें पार्टी ना तोड़ने के लिए मनाने की कोशिश करेंगे.
पहले से थे साइडलाइन
अखिलेश के द्वारा निकाले गए यह वह लोग हैं जो पहले ही पार्टी से साइड किए जा चुके हैं. राजेश यादव, दीपक मिश्रा और मोहम्मद शाहिद अखिलेश के अध्यक्ष बनने के बाद से पार्टी दफ्तर नहीं गए हैं और खुद को लगभग पार्टी से अलग कर रखा है बावजूद इसके मुलायम सिंह के गुस्से का असर अब उन कार्यकर्ताओं पर दिख रहा है जो मुलायम और शिवपाल के करीबी माने जाते हैं.
नेताजी के भाषण के बाद हुई कार्रवाई
रविवार शाम को मुलायम सिंह के भाषण के तुरंत बाद प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने शिवपाल यादव के दो करीबियों दीपक मिश्रा और मोहम्मद शाहिद को पार्टी से बाहर कर दिया. दीपक मिश्रा समाजवादी चिंतक के तौर पर जाने जाते हैं और शिवपाल के करीबी रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर मोहम्मद शाहिद पूर्व मंत्री और प्रवक्ता रहे और लगातार मुलायम सिंह यादव से मिलते भी रहे.
विनाश काले विपरीत बुद्धि
पार्टी से निकाले जाने के बाद इन दोनों नेताओं ने अखिलेश यादव के बारे में कहा "विनाश काले विपरीत बुद्धि" दोनों नेता इस बात पर एकमत हैं कि अखिलेश यादव की पार्टी के साथ चलना अब पार्टी में कई लोगों के लिए मुश्किल है ऐसे में जल्द ही नए रास्ते तलाशे जाएंगे.
उधर कानपुर में अखिलेश यादव ने मुलायम सिंह के उस बयान पर ये कहा कि आप इसका जबाब खुद मुलायम सिंह से लें कि मुझे सीएम बनाकर उन्होने क्या गलती की. साफ है हार के बाद भी पार्टी के भीतर वर्चस्व की जंग जारी है, शह मात का खेल चल रहा है अब देखना यह है यह पार्टी टूटती है की बचती है.