अलग तेलंगाना राज्य बनना तय है. यूपीए की समन्वय समिति के बाद कांग्रेस वर्किंग कमिटी ने भी इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
इस अहम मसले पर सबसे पहले पीएम आवास में यूपीए समन्वय समिति की बैठक हुई. इसमें कांग्रेस नेताओं के अलावा शरद पवार, फारुक अब्दुल्ला, चौधरी अजित सिंह और ई अहमद भी मौजूद थे. बैठक में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी ने भी हिस्सा लिया.
फोटो: कहां-कहां से अलग राज्य की मांग...
इसके बाद, सोनिया गांधी के आवास कांग्रेस की वर्किंग कमिटी की बैठक हुई. इस मीटिंग में भी प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई. बैठक में पीएम मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, सुशील शिंदे, जनार्दन द्विवेदी, अजय माकन और अंबिका सोनी मौजूद थे. इनके अलावा मोतीलाल वोरा ने बैठक में हिस्सा लिया.
हालांकि, तेलंगाना के गठन को लेकर अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है. वहीं, केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह ने कहा है कि इस सत्र में नए राज्य के गठन को लेकर बिल ला पाना संभव नहीं होगा.
अब भी आंध्र प्रदेश के कई नेता तेलंगाना के विरोध में हैं. खुद मुख्यमंत्री किरण रेड्डी से लेकर कई केंद्रीय मंत्री तक ऐतराज जता चुके हैं.
इस गतिरोध को खत्म करने के लिए मंगलावर को दिनभर कांग्रेस की बैठकों का दौर चलता रहा. यूपीए की बैठक से पहले कांग्रेस के कई आला नेताओं ने इस मुद्दे पर माथापच्ची की. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी खुद पहले पीएम से मिलीं. इसके बाद, किरण रेड्डी, गृहमंत्री सुशील शिंदे और अहमद पटेल के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की.
गौर करने वाली बात है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तेलंगाना के गठन का विरोध कर रहे पार्टी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि पृथक तेलंगाना राज्य पर फैसला करते समय उनकी चिंताओं को ध्यान में रखा जायेगा.