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GDP पर जेटली का जवाब- UPA को वाजपेयी सरकार की नीतियों का मिला फायदा

पिछले वर्षों की जीडीपी श्रृंखला पर सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों राजनीतिक वार पलटवार शुरू हो गया है.  जिसे लेकर मौजूदा और पूर्व की सरकार के वित्त मंत्री, जेटली और चिदंबरम आमने सामने हैं.

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केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली, फाइल फोटो
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली, फाइल फोटो

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सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को लेकर जारी ताजा रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस और बीजेपी में जुबानी जंग तेज हो गई है. पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बयान का जवाब देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि कांग्रेस की यूपीए सरकार को पूर्व की वाजपेयी सरकार द्वारा लिए गए आर्थिक सुधारों का लाभ मिला, लेकिन यूपीए-II की सरकार इस अवसर का लाभ नहीं ले पाई, जिससे वृद्धि दर लड़खड़ा गई.

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक फेसबुक ब्लॉग के जरिए कांग्रेस पर जवाबी हमाल बोलते हुए लिखा है कि 2004 में जब अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार सत्ता से बाहर हुई थी तो उस समय वृद्धि दर 8% थी.  इसके अलावा 2004 में नई सरकार को 1991 से 2004 के बीच हुए निरंतर नए सुधारों का लाभ मिला. वैश्विक अर्थव्यवस्था की गति से भी उसे समर्थन मिला. वैश्विक मांग ऊंची होने से निर्यात बढ़ रहा था और भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए यह बड़ा अवसर था. उन्होंने कहा है कि तत्कालीन यूपीए सरकार ने आर्थिक सुधार के लिए कोई महत्वपूर्ण कदम नहीं उठाए. और जैसे ही अनुकूल परिस्थितियां खत्म हो गईं तो वृद्धि दर लड़खड़ाने लगी.

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जेटली ने आगे कहा कि गिरती विकास दर को बरकरार रखने के लिए राजकोषीय अनुशासन भंग करने और बैंकों को अंधाधुंध ऋण देने की सलाह जैसे दो कदम उठाए गए, जिससे आज की तारीख में बैंक खतरे में पड़ गए.

उन्होंने कहा कि वाजपेयी सरकार के समय चालू खाते का हिसाब-किताब देश के पक्ष में था. इसके विपरीत यूपीए-I और यूपीए-II में यह हमेशा घाटे में रहा. यही नहीं तत्कालीन यूपीए-II के समय में राजकोषीय घाटा अब तक के सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गया. जिसे मोदी सरकार द्वारा 2017-18 में 3.5% पर लाया गया है.

गौरतलब है कि सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा जारी जीडीपी के आंकड़ों पर पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने ट्वीट कर लिखा था कि 'सच की जीत हुई है. पुरानी श्रृंखला के आधार पर जीडीपी गणना ने साबित कर दिया है कि आर्थिक प्रगति के बेहतरीन वर्ष यूपीए के समय 2004-2014 के थे. 1999 के बाद की 4 सरकारों के समय औसत वृद्धि दर थी.

किसके राज में कितनी रही जीडीपी

एनडीए I-  5.68%

यूपीए I-   8.36%

यूपीए II-  7.68%

एनडीए II- 7.35% (4 साल)

चिदंबरम ने आगे लिखा 'मैं उम्मीद करता हूं कि पांचवें वर्ष में मोदी सरकार बेहतर करे. वह यूपीए-1 की बराबरी तो कभी नहीं कर सकती, लेकिन मैं चाहता हूँ कि वो कम से कम यूपीए-II के बराबर तो पहुंचे. यूपीए सरकारों ने अब तक का सबसे बेहतरीन दशकीय विकास किया और 14 करोड़ लोगों को गरीबी के दलदल से बाहर निकाला'

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उल्लेखनीय है कि केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा जीडीपी आकलन के नए आधार के अनुसार तैयार पिछले वर्षों की जीडीपी श्रृंखला पर एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार पिछली मनमोहन सरकार के दौर में आर्थिक वृद्धि दर मौजूदा सरकार की तुलना में बेहतर थी. इस रपट के अनुसार 2006-07 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 10.08 प्रतिशत तक पहुंच गई थी. यह 1991 में आर्थिक उदारीकरण शुरू होने के बाद की उच्चतम वृद्धि दर है.  हालांकि इस बीच सांख्यिकी मंत्रालय की सफाई भी सामने आई है जिसमें कहा गया है कि ये पक्के अनुमान नहीं है और आधिकारिक आंकड़े बाद में जारी किए जाएंगे.

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