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कोयले की 'कालिख', मनरेगा का महाघोटाला!

ऐसा लगता है कि यूपीए घोटालों की सरकार बन गई है. 2जी और CWG घोटाले के बाद अब केंद्र सरकार कोयला घोटाले और मनरेगा घोटाले में फंसती नजर आ रही है.

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मनमोहन सिंह
मनमोहन सिंह

ऐसा लगता है कि यूपीए घोटालों की सरकार बन गई है. 2जी और CWG घोटाले के बाद अब केंद्र सरकार कोयला घोटाले और मनरेगा घोटाले में फंसती नजर आ रही है.

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कोयला घोटाले की कालिख
कोयला घोटाले पर संसद की स्थायी समिति ने लोकसभा में आज अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है. संसदीय समिति की इस रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि कोल ब्लॉक आवंटन में मनमानी हुई. कमेटी के अध्यक्ष कल्याण बनर्जी के मुताबिक कोयला खदानों के इस तरह आवंटन से सरकारी खजाने को कितना नुकसान हुआ है इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि कोल ब्लॉक आवंटन में पारदर्शिता नहीं बरती गई. रिपोर्ट के मुताबिक 1993 से 2010 के बीच कोल ब्लॉक का आवंटन अवैध तरीके से किया गया और पद का दरुपयोग कर कुछ खास लोगों को फायदा पहुंचाया गया. इसके मुताबिक 2005 के बाद कोल ब्लॉक के आवंटन के लिए निगरानी हेतु व्यवस्था बिल्कुल विफल थी.

मनरेगा में महाघोटाला
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षीं प्रोजेक्ट मनरेगा में बड़ी गड़बड़ी का मामला सामने आया है. कैग(CAG) की रिपोर्ट के मुताबिक मनरेगा के फंड का सही इस्तेमाल नहीं हो रहा है.

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रिपोर्ट में कहा गया है कि इस योजना के तहत गलत तरीके से फंड दिया गया. फंड का कोई हिसाब नहीं रखा गया. रिपोर्ट में तो यहां तक कहा गया है कि मार्च 2011 में तो जारी 1960.45 करोड़ का तो सही ढंग से हिसाब ही मौजूद नहीं है.

कैग की रिपोर्ट में ग्रामीण विकास मंत्रालय की मॉनीटरिंग कमेटी पर भी उंगली उठाई है. साथ ही कहा गया है कि मनरेगा में सबसे बड़ी धांधली बिहार, यूपी और महाराष्ट्र में हो रही है. इस रिपोर्ट के मुताबिक यूपी, महाराष्ट्र और बिहार में 46 फीसदी लोग गरीब हैं, लेकिन मनरेगा योजना का फायदा सिर्फ 20 फीसदी लोगों को हुआ.

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