बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने आरोप लगाया कि यूपीए शासन का मॉडल त्रुटिपूर्ण है क्योंकि उसके मुखिया प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पास निर्णय करने की शक्ति नहीं है.
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कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) में सुबह हुए भाषण के बाद उसी सभा में शाम को जेटली ने अपने संबोधन में कहा, ‘सरकार के निर्वाचित मुखिया को निर्णय करने का अंतिम अधिकार होना चाहिए. लेकिन प्रधानमंत्री को पार्टी की हिदायतों का पालन करना होता है.’ उन्होंने कहा कि संप्रग शासन ‘तीन टांग के नेतृत्व’ वाला है और ऐसा नेतृत्व देश के लिए त्रासदी है.
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राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री ने दावा किया है कि आठ प्रतिशत की विकास वृद्धि दर को दोबारा पाया जा सकता है, लेकिन इस वृद्धि दर को पाने के लिए उन्होंने क्या कार्य योजना तैयार की है ? प्रधानमंत्री ने बुधवार को CII की सभा में ही कहा था कि देश आठ प्रतिशत की विकास दर को पुन: पा सकता है.
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जेटली ने सीबीआई सहित देश की अपराध जांच एजेंसियों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस इन एजेंसियों का इस बात के लिए इस्तेमाल कर रही है कि संप्रग सरकार को समर्थन दे रहे दल उससे समर्थन वापस न लेने पायें.
उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी सत्ता में आई तो सीबीआई और एनआईए जैसी जांच एजेंसियों को सरकार के नियंत्रण से मुक्त कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि ऐसी जांच एजेंसियों को पूरी तरह स्वतंत्र होने की आवश्यकता है.
बीजेपी के एक अन्य नेता रवि शंकर प्रसाद ने सीआईआई की बैठक में आरोप लगाया कि संप्रग सरकार के सुशासन नहीं दे पाने के कारण महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मंद प्रगति हुई है. बीजेपी शासित राज्यों में दोहरे अंक की विकास दर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कई ऐसे राज्य हैं जो राष्ट्रीय नकारात्मक विकास दर के मुकाबले दस प्रतिशत की विकास दर दर्ज कर रहे हैं. यह सुशासन की वजह से है.
प्रसाद ने कहा कि जनता अब प्रदर्शन को मान्यता दे रही है. जो अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें ही फल मिलेगा. जो अच्छा नहीं कर रहे हैं, उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा.