आंध्र प्रदेश के सीमांध्र क्षेत्र के नेताओं के विरोधों के बावजूद सरकार की योजना मंगलवार को लोकसभा में तेलंगाना विधेयक को चर्चा के लिए लाए जाने की है. हालांकि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री किरण रेड्डी इस मुद्दे पर इस्तीफे की धमकी दे चुके हैं. कांग्रेस इस काम के लिए कमर कस चुकी है और उसने अपने सदस्यों को तीन लाइन का व्हिप जारी कर उनसे पूरे सप्ताह संसद में उपस्थित रहने और सरकारी विधायी कार्यों के पक्ष में मतदान करने को कह दिया है. पार्टी नेताओं का कहना है कि सदन में लेखानुदान पारित हो जाने के बाद पूरा ध्यान अलग तेलंगाना राज्य के गठन से संबंधित विधेयक पर होगा.
सीमांध्र के पार्टी नेताओं के कड़े विरोध के बावजूद कांग्रेस आलाकमान परेशान नहीं है. 13 फरवरी को लोकसभा में हंगामे और अभूतपूर्व दृष्यों के बीच सरकार द्वारा विधेयक पेश किया गया था. इसके बाद 18 सांसदों को निलंबित कर दिया गया. इनमें 15 सीमांध्र क्षेत्र के सांसद थे. संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ और गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे सहित पार्टी प्रबंधक इस मुद्दे पर विपक्षी दलों से बातचीत कर रहे हैं.
बीजेपी का तेलंगाना के गठन को समर्थन है बशर्ते सीमांध्र की चिंताओं को दूर करने के लिए इस विधेयक में संशोधन लाया जाएं. कांग्रेस पार्टी के एक वर्ग का यह भी कहना है कि लोकसभा में तेलंगाना विधेयक के पारित हो जाने के बाद इसे राज्यसभा में पारित कराने का प्रयास किया जाएगा. एक नेता ने कहा कि अगर तेलंगाना विधेयक को संसद की मंजूरी दिलाने में मदद मिलती है तो संसद सत्र को एक- दो दिन बढ़ाया जा सकता है.
सीमांध्र के केंद्रीय मंत्रियों ने तेलंगाना मुद्दे पर राहुल गांधी से मुलाकात
इससे पहले सोमवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सीमांध्र के मंत्रियों व सांसदों से मुलाकात की. उन्होंने इस विवादित विधेयक को लेकर उनकी राय जानने की कोशिश की. राहुल ने यह मुलाकात ऐसे समय में की है जब सीमांध्र के पांच केंद्रीय मंत्रियों ने बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी से मुलाकात कर आंध्र प्रदेश को विभाजित कर तेलंगाना के गठन की स्थिति में अपने क्षेत्र के लिए विशेष पैकेज की मांग का समर्थन करने का अनुरोध किया. वित्त राज्य मंत्री जे.डी. सीलम ने दावा किया कि राहुल ने ही बैठक के लिए मंत्रियों और सांसदों को आमंत्रित किया था. बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में सीलम ने कहा कि हैदराबाद के लिए अल्पकाल के लिए केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा सहित कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई.
सीमांध्र क्षेत्र की चिंताएं दूर करे सरकार: बीजेपी
इस बीच बीजेपी ने सोमवार रात यह स्पष्ट कर दिया कि वह लोकसभा में तेलंगाना विधेयक पर चर्चा की मांग करेगी, क्योंकि वह चाहती है कि सीमांध्र क्षेत्र की चिंताएं सही तरीके से दूर की जाएं. सरकार ने मुख्य विपक्षी पार्टी से विचार-विमर्श करने की कोशिश की पर बीजेपी ने कहा कि उसने इस मुद्दे पर किसी तरह का आश्वासन नहीं दिया और वह विधेयक को जल्दबाजी में पारित कराने की कोशिश कामयाब नहीं होने देगी. यह विधेयक पारित होने पर अलग तेलंगाना राज्य के गठन का रास्ता साफ हो सकेगा.