संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने की खबरों के बीच कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने शनिवार को विपक्ष के ‘असहयोगपूर्ण’ रवैये के मद्देनजर यूपीए के महत्वाकांक्षी खाद्य सुरक्षा विधेयक पर आगे के रास्ते पर चर्चा की.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस कोर ग्रुप की करीब तीन घंटे से ज्यादा चली बैठक में पार्टी नेताओं ने इस विधेयक को पारित कराने के लिए ससंद का विशेष सत्र बुलाने या अध्यादेश का सहारा लेने के विकल्पों पर विस्तार से चर्चा की. बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी मौजूद थे.
कांग्रेस कोर ग्रुप की इस बैठक में आंध्र प्रदेश की राजनीतिक हालात पर भी गौर किया गया जहां दो दिन पहले पार्टी के दो सांसदों और पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के केशव राव ने कांग्रेस छोड़ने और तेलंगाना राष्ट्र समिति में शामिल होने की धमकी दी है.
आंध्र प्रदेश में पृथक तेलंगाना राज्य के गठन का जटिल मुद्दा पिछले कुछ समय से पार्टी को परेशान कर रहा है और तेलंगाना की मांग को लेकर राज्य पार्टी में राय बंटी हुई है.
बैठक में गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने पार्टी नेतृत्व को 25 मई को छत्तीसगढ में हुए नक्सली हमले और उसके बाद सरकार द्वारा उठाये गये कदमों के बारे में विस्तार से जानकरी दी.
बैठक में गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने पार्टी नेतृत्व को 25 मई को छत्तीसगढ़ में हुए नक्सली हमले और उसके बाद सरकार द्वारा उठाये गये कदमों के बारे में विस्तार से जानकरी दी. शिंदे ने शुक्रवार को ही छत्तीसगढ़ की यात्रा की थी.
सूत्रों के मुताबिक कोर ग्रुप की बैठक में खाद्य सुरक्षा विधेयक के मुद्दे पर यह तय किया गया कि संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ अन्य राजनीतिक दलों से बातचीत करें और अगर वे राजी होते हैं तो इस विधेयक को पारित कराने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया जा सकता है. अन्यथा सरकार अध्यादेश का सहारा लेने के बारे में निर्णय कर सकती है.
बैठक में आंध्र प्रदेश की राजनीतिक हालात पर भी गौर किया गया जहां दो दिन पहले पार्टी के दो सांसदों और एक वरिष्ठ नेता के. केशव राव ने कांग्रेस छोड़ने और तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) में शामिल होने का निर्णय किया है. आंध्र प्रदेश में पृथक तेलंगाना राज्य के गठन का जटिल मुद्दा पिछले कुछ समय से पार्टी को परेशान कर रहा है और तेलंगाना की मांग पर राज्य में क्षेत्रीय आधार पर राय बंटी हुई है.
सूत्रों ने बताया कि तेलंगाना पर अंतिम निर्णय लिया जाना अभी बाकी है. खाद्य सुरक्षा विधेयक पर संप्रग समन्वय समिति की बैठक में इस विधेयक को पारित कराने के लिए ससंद का विशेष सत्र बुलाने या अध्यादेश जारी करने या कार्यकारी आदेश से इसे लागू करने या संसद के अगले सत्र तक इंतजार करने जैसे विकल्पों पर विस्तार से चर्चा होने की उम्मीद है.
पार्टी सूत्रों का कहना है कि विपक्ष के रवैये के बावजूद सरकार को खाद्य सुरक्षा विधेयक पर जल्द निर्णय करना होगा क्योंकि संप्रग का यह बहुत बड़ा कदम होगा और इसे चुनाव से पहले पूरा किया जाना है.