तमिल मुद्दे पर डीएमके अब यूपीए से अलग हो गयी है. मंगलवार देर रात डीएमके ने समर्थन वापसी की चिट्ठी राष्ट्पति को सौंप दी.उधर प्रधानमंत्री के घर भी देर रात तक आला नेताओं की बैठक चली. इस बैठक में फैसला लिया गया कि सरकार अब डीएमके से कोई बात नहीं करेगी.
सरकार के लिए सकून की बात ये है कि माया और मुलायम लगातार बाहर से समर्थन देने की बात कह रहे हैं.
डीएमके नेताओं ने मंगलवार रात साढ़े दस बजे यूपीए से राष्ट्रपति से मिलकर समर्थन वापसी की चिट्ठी सौंप दी. बुधवार सुबह ग्यारह बजे डीएमके के सभी मंत्री प्रधानमंत्री को अपना इस्तीफा दें देंगे. उधर सरकार के लोग भी क्राइसिस मैनेजमेंट में जुट गए हैं. सुबह 10 बजे सरकार की ओर से संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ और वित्तमंत्री पी चिदंबरम मीडिया से बात करने वाले हैं.
सरकार इस चुनौती से निपटने में जुटी
देर रात प्रधानमंत्री अवास पर आला नेताओं की करीब डेढ़ घंटे बैठक चली. इस मीटिंग में रक्षामंत्री एके एंटनी, गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे और वित्त मंत्री पी चिदंबरम मौजूद थे. माना जा रहा है कि इस दौरान संकट से निपटने के लिए सरकार की रणनीति पर चर्चा की गई. विचार इस बात पर भी किया गया कि नए हालात में खाद्य सुरक्षा बिल का क्या होगा. बहरहाल तय ये किया गया कि आज सुबह तकरीबन 10 बजे के आस-पास कमलनाथ और पी चिदंबरम मीडिया के सामने सरकार की सूरत साफ करेंगें.