भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों से घिरी कांग्रेस नीत यूपीए सरकार छवि सुधारने में जुट गई है. इस कवायद की कीमत है 180 करोड़. वह इस रकम का इस्तेमाल अपने 'भारत निर्माण' मल्टीमीडिया अभियान के लिए करने वाली है.
आम चुनावों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने सोमवार को अपने मल्टीमीडिया अभियान के तहत आडियो-विजुअल क्लिप की एक श्रृंखला जारी की. सरकार का दावा है कि इन क्लिपों में यूपीए सरकार की नौ वर्ष की नीतियों की उपलब्धियां और प्रभाव पर प्रकाश डाला गया है.
180 करोड़@भारत निर्माण
2014 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जिस विज्ञापन अभियान को लॉन्च किया गया है उसके लिए 180 करोड़ खर्चने की बात सामने आई है. इस अभियान के पहले फेज (15 दिन) में 35 करोड़ रुपये खर्चे जाएंगे जिसकी समीक्षा के बाद आगे की रणनीति तय होगी. गौर करने वाली बात है कि साल 2009 लोकसभा चुनाव से पहले यूपीए-1 ने 100 करोड़ रुपये खर्चे थे जो एनडीए के 'इंडिया शाइनिंग' अभियान से कहीं कम था. एनडीए ने साल 2004 में अपने 'इंडिया शाइनिंग' अभियान के लिए 150 करोड़ रुपये खर्चे थे.
‘मीलों हम आ गये मीलों हमें जाना है’
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जावेद अख्तर द्वारा रचित ‘मीलों हम आ गये मीलों हमें जाना है’ शीर्षक के साथ अभियान में आगे बढ़ते रहने की जरूरत को रेखांकित किया गया है ताकि यह सुनिश्चित हो कि राष्ट्र आर्थिक वृद्धि और सामाजिक समता की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हो. अधिकारियों ने कहा कि इन आडियो वीडियो क्लिप का निर्देशन ‘परीनिता’ से चर्चा में आए बालीवुड फिल्म निर्माता प्रदीप सरकार ने किया है. ये क्लिप आने वाले दिनों में सिनेमाघरों और टीवी चैनलों पर दिखाए जाएंगे.
'इंडिया शाइनिंग' नहीं बल्कि भारत की असली कहानी
सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी की माने तो यह मल्टीमीडिया अभियान वर्ष 2004 के राजग के ‘इंडिया शाइनिंग’ अभियान से अलग है. तिवारी ने कहा, ‘यह ‘इंडिया शाइनिंग’ नहीं बल्कि भारत की असली कहानी है जिसे हम इन 12-13 पहलों के जरिये प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहे हैं.’
UPA काल में हुई ‘शांत क्रांति’ की झलक
आडियो-वीडियो अभियान के बारे में तिवारी ने कहा कि यह संप्रग शासन के दौरान हुई ‘शांत क्रांति’ की एक छोटी सी झलक है जहां जनता को सूचना के अधिकार, मनरेगा, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना जैसे संस्थानिक ढांचा योजनाओं से जुड़े अधिकारों और भोजन का अधिकार और नकद अंतरण लाभ योजना जैसी नयी योजनाओं के जरिये सशक्त किया जा रहा है.
इस अभियान से कांग्रेस को कितना फायदा होगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा. लेकिन विपक्षी अभी से केंद्र सरकार पर इस बहाने निशाना साध रहे हैं. तो आलोचक इसमें 'इंडिया शाइनिंग' की छाप देखते हैं और इसके परिणाम को लेकर शंका जता रहे हैं. हालांकि कांग्रेस को पूरी उम्मीद है कि जो इंडिया शाइनिंग अभियान एनडीए के लिए नहीं कर सका. वह काम 'भारत निर्माण' कर दिखाएगा. अभियान के जरिए वह वोटरों तक अपनी बात पहुंचाने में कामयाब रहेगी.