प्रधानमंत्री कार्यालय में अपने कार्यकाल के दौरान के विवादास्पद लेखेजोखे पर आधारित संजय बारू की किताब को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बेटी ने पीठ में छुरा घोंपने के समान बताते हुए उन पर प्रधानमंत्री से विश्वासघात का आरोप लगाया है.
इसके साथ ही उन्होंने किताब को अनैतिक, शरारतपूर्ण कार्रवाई बताया है. दिल्ली विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य करने वाली मनमोहन सिंह की बेटी उपिंदर सिंह ने कहा कि बारू ने गप्पबाजी और अपुष्ट कथनों को एक साथ जोड़ दिया है, जिनमें से कुछ उनके पिता के बारे में हैं और उन्हें तथ्यों के बयान के रूप में इस्तेमाल किया है.
क्या यही नैतिकता है
एक साक्षात्कार में उन्होंने प्रधानमंत्री के पूर्व मीडिया सलाहकार की किताब को बाजार में लाए जाने के समय पर भी सवाल उठाया है जो आम चुनाव के दौरान बाजार में आई है. इस किताब के चलते प्रधानमंत्री कार्यालय और सत्तारूढ़ कांग्रेस को काफी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है. उपिंदर सिंह ने कहा कि इसे सार्थक किताब नहीं कहा जा सकता. यह तथाकथित कथनों का धृष्टतापूर्ण लेखाजोखा है जिन्हें तथ्यों के रूप में दर्ज किया गया है. कही गई बातों को प्रत्यक्ष बातचीत के रूप में लिया गया है. क्या यह नैतिकता है? किताब में बारू द्वारा किए गए कुछ दावों पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि वह कभी भी प्रधानमंत्री कार्यालय में नीति निर्धारण की प्रक्रिया का हिस्सा नहीं रहीं.
चुनाव के बाद का था वादा
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बेटी ने कहा कि वह खुद को घटनाओं के केंद्र में पेश कर रहे हैं जो कि सही नहीं है और उनकी फाइलों तक पहुंच नहीं थी. ऐसा नहीं था कि वह प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव थे. उपिंदर सिंह ने कहा कि वह प्रधानमंत्री की ओर से नहीं बोल रही हैं बल्कि हम इस बात से बेहद आक्रोशित हैं कि लेखक ने किस प्रकार बढ़ाचढ़ाकर खुद का बखान किया है कि कितने उच्च स्तर तक उनकी पहुंच थी. उन्होंने कहा कि परिवार को किताब के बाजार में आने के बारे में सूचना थी और जब उन्होंने बारू से पूछा था कि यह किताब कब आएगी तो उन्होंने कहा था, स्वाभाविक सी बात है कि चुनाव के बाद.
शुभचिंतक नहीं हैं बारू
किताब के प्रकाशक द्वारा इसके विमोचन का समय चुने जाने के लेखक के दावे को गलत बताते हुए उपिंदर ने कहा कि उन्होंने भी कई किताबें लिखी हैं और जानती हैं कि किताब के विमोचन के समय के बारे में लेखक की चलती है. संजय बारू खुद को प्रधानमंत्री का शुभचिंतक नहीं कह सकते.