वाम दलों और भाजपा के सदस्यों ने तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी को घेरते हुए कहा कि एक केंद्रीय मंत्री ने माओवादियों का खुलेआम समर्थन किया है.
राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए माकपा के सीताराम येचुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कई बार यह कह चुके हैं कि माओवादी देश की सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरा हैं. उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल की सामूहिक जिम्मेदारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक कैबिनेट मंत्री खुलेआम माओवादियों का समर्थन कैसे कर सकती हैं.
येचुरी जिस समय तृणमूल प्रमुख का जिक्र कर रहे थे, उस दौरान तृणमूल के तीन मंत्रियों ने उन्हें कई बार टोका. इसके विरोध में भाजपा के एस एस अहलूवालिया सहित विभिन्न सदस्यों ने केंद्रीय मंत्रियों द्वारा किसी सदस्य को बोलने से बाधित किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए आसन से व्यवस्था देने की मांग की.
उप सभापति ने उत्तेजित सदस्यों को शांत कराते हुए कहा कि कोई भी सदस्य व्यवधान नहीं डाल सकता, विशेषकर मंत्री... उन्होंने कहा कि यह अच्छी परंपरा नहीं है.
येचुरी ने कहा कि लालगढ़ में रेल मंत्री द्वारा माओवादी नेता की मुठभेड़ में मौत को हत्या बताया जाना संवैधानिक मान्यताओं के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि रेल मंत्री ने अपने बयान का बचाव करते हुए आजाद की मौत को हत्या बताया है.
संसदीय कार्य राज्य मंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने मुद्दे पर हस्तक्षेप करते हुए कहा कि उन्होंने लालगढ़ रैली के बारे में तृणमूल के अपने मित्रों से पता किया और इस तरह का कुछ भी नहीं हुआ है.
येचुरी ने इस पर तपाक से कहा कि मंत्री ने जिस तरीके से जवाब दिया है उससे साफ पता चलता है कि वह भी अपने जवाब से संतुष्ट नहीं हैं.