जेडीयू नेता शरद यादव की महिलाओं के खिलाफ टिप्पणी का मुद्दा सोमवार को लोकसभा में उठा. बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और स्मृति ईरानी में मामले में शरद यादव से टिप्पणी वापस लेने और इस ओर माफी मांगने की मांग की. बीते शुक्रवार को राज्य सभा में बीमा बिल पर चर्चा के दौरान शरद यादव ने अचानक ही दक्षिण भारतीय महिलाओं की चर्चा छेड़ दी. यादव ने कहा कि दक्षिण की महिलाएं सांवली तो होती हैं, लेकिन उनकी काया खूबसूरत होती है.
स्मृति ईरानी ने कहा, 'हम ऐसी किसी भी टिप्पणी का विरोध करते हैं. शरद यादव वरिष्ठ नेता हैं और उन्हें ऐसी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. मैं उस दिन सदन में नहीं थी, लेकिन मैं आज इसका विरोध करती हूं. राष्ट्र उन्हें देख रहा है.'
सोमवार को सदन में दक्षिण भारतीय नेताओं ने भी इस मुद्दे पर शरद यादव की निंदा की और टिप्पणी वापस लेने के साथ ही माफी मांगने के लिए कहा. खास बात यह है कि बीते शुक्रवार को शरद यादव जब यह टिप्पणी कर रहे थे तो अधिकतर सांसद विरोध जताने के बजाय हंस रहे थे. यादव ने अपनी टिप्पणी का यह कहते हुए बचाव किया कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा है. राज्य सभा में शुक्रवार को बीमा बिल पर चर्चा चल रही थी. शरद यादव जब बोलने के लिए उठे तो उन्होंने बीच में बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश 26 से 49 फीसदी करने के प्रस्ताव को गोरी चमड़ी को लेकर भारतीयों की सनक से जोड़ दिया. यादव ने कहा कि भारतीय गोरी चमड़ी के आगे किस तरह सरेंडर करते हैं, यह निर्भया डॉक्युमेंट्री बनाने वाली लेस्ली उडविन से पता चलता है.
यादव ने कहा था, 'भारत में गोरी चमड़ी वालों को तो देखकर आदमी दंग रह जाता है. मेट्रोमोनियल देखो तो उसमें लिखा होता है कि गोरी चमड़ी चाहिए. अरे आपका भगवान सांवला था. साउथ की महिला जितनी ज्यादा खूबसूरत होती है, जितना ज्यादा उसका बॉडी. जो पूरा देखने में... यानी इतना हमारे यहां नहीं होती हैं... वह नृत्य जानती हैं...' शरद यादव की इस टिप्पणी पर डीएमके सांसद कनिमोई ने कड़ी आपत्ति जताई थी.