सांसदों का वेतन तीन गुना बढ़ाए जाने के कैबिनेट के फैसले से असंतुंष्ट सपा, बसपा, राजद और जद यू के सदस्यों ने इसे संसदीय समिति की सिफारिशों के अनुरूप करने की मांग को लेकर लोकसभा में भारी हंगामा किया जिसके कारण सदन की बैठक 45 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई.
सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर लालू और मुलायम सिंह ने सांसदों के वेतन बढ़ाये जाने के बारे में कैबिनेट के फैसले का विषय उठाया. उन्होंने कैबिनेट के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि इसे संसदीय समिति की सिफारिशों के अनुरूप होना चाहिए.
लालू ने कहा, ‘सरकार के फैसले से सांसदों का अपमान हुआ है. समिति को अपमानित किया गया है. समिति का फैसला लागू हो और कैबिनेट के निर्णय को वापस लिया जाए.’ सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव, बसपा और जद यू सदस्य जगदीश शर्मा ने भी इसका समर्थन किया और नारेबाजी शुरू कर दी. सदस्य कैबिनेट का फैसला वापस लेने की मांग करते हुए अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए.
अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदस्यों से अपनी बात शून्यकाल में उठाने को कहा और उनसे प्रश्नकाल चलने देने की अपील की. संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल ने भी सदस्यों से इस विषय को बाद में उठाने को कहा. लेकिन सदस्यों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा.
शोर शराबा थमता नहीं देख अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन को बैठक दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने आज सांसदों के मूल वेतन में तीन गुना वृद्धि करते हुए उसे 16 हजार रूपये से बढ़ाकर 50 हजार रूपये करने के साथ ही अन्य भत्तों को भी दोगुना करने को अपनी मंजूरी दे दी.
हालांकि यह वृद्धि संसदीय समिति की सिफारिशों से काफी कम है जिसने कहा था कि सांसदों को सरकारी सचिवों से अधिक वेतन मिलना चाहिए क्योंकि वे वरीयता क्रम में उनसे ऊपर हैं. समिति ने इसे बढ़ाकर 80,001 रूपये करने की सिफारिश की थी.