राज्यसभा में शुक्रवार को रोहित वेमुला के मामले पर जमकर हंगामा हुआ. एक बार स्थगित होने के बाद जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने दलित छात्र रोहित वेमुला की हत्या का मुद्दा उठाकर सरकार को एक बार फिर घेरा. वहीं, महिषासुर शहादत दिवस के आयोजकों ने दावा किया है कि स्मृति ईरानी ने सदन में जो पर्चा पढ़ा, वह उनका लिखा हुआ नहीं है.
वादा पूरा करें स्मृति ईरानी
इसके साथ ही मायावती ने कहा कि वो केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के जवाब से संतुष्ट नहीं हैं, क्या अब वो अपना वादा पूरा करेंगी? आपको बता दें कि सदन में रोहित की सुसाइड के मामले पर बहस के दौरान मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा था कि अगर मायावती उनके जवाब से संतुष्ट नहीं होंगी तो वो अपना सिर काटकर उनके चरणों में रख देंगी. मायावती यही नहीं थमीं. अपनी पुरानी मांग को दोहराते हुए मायावती ने कहा कि रोहित वेमुला केस की जांच कर रही कमेटी में एक एसटी-एसटी सदस्य हो, जबकि इसी के जवाब में स्मृति ईरानी ने कहा कि कमेटी में एससी सदस्य न होने की बात गलत है. विपक्ष के हंगामे के कारण सभापति को कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.
राज्यसभा में रोहित वेमुला पर बहस के दौरान मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी के बयान पर शुक्रवार को भी सदन में हंगामा मचा. स्मृति के बयान का कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने विरोध किया और कहा कि उन्होंने जो मां दुर्गा का अपमान किया है उसके लिए वो माफी मांगें. इसके जवाब में स्मृति ईरानी ने कहा कि राज्यसभा में जो पर्चा मैंने पढ़ा, वो सरकार का नहीं, जेएनयू का था. हालांकि इसके बाद भी विपक्ष माफी मांगवाने पर अड़ा रहा.
इससे पहले गुरुवार को राज्यसभा में जेएनयू और पटियाला हाउस कोर्ट मारपीट के मसले पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के जवाब के वक्त कांग्रेस और वाम दल वॉक आउट कर गए. विपक्ष ने मोदी सरकार पर कोर्ट परिसर में कन्हैया से मारपीट के आरोपी वकीलों और बीजेपी विधायक ओपी शर्मा को बचाने का आरोप लगाया.
स्मृति ईरानी के बयान पर हंगामा
मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने गुरुवार को फिर मोर्चा संभाला. स्मृति ईरानी ने सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी पर निशाना साधा. स्मृति ईरानी ने जेएनयू मामले का जिक्र करते हुए कहा कि वहां मां दुर्गा और महिषासुर के विषय में आपत्तिजनक पोस्टर लगाए गए. जब स्मृति ईरानी ने इस पर्चे का कंटेंट पढ़ा तो इसपर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया. हंगामें के बीच कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई.
जानें, आखिर क्या है महिषासुर शहादत दिवस?
कांग्रेस ने स्मृति ईरानी के इस कदम को आपत्तिजनक बताते हुए माफी मांगने की मांग की है. कांग्रेस के नेता आनंद शर्मा ने कहा कि ये गलत परंपरा है और अगर मंत्री माफी नहीं मांगतीं हैं तो इसका असर सदन की कार्यवाही पर पड़ेगा.
Hanumantha Rao ji aap chahte hain toh mein ek ek naam padh sakti hoon-Smriti Irani in RS #RohithVemula pic.twitter.com/T6YJOJRsQP
— ANI (@ANI_news) February 25, 2016
विपक्ष पर बरसे जेटली
जेएनयू मुद्दे पर राज्यसभा में जमकर बहस हुई. सरकार की ओर से बोलते हुए नेता सदन अरुण जेटली ने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे से बहस को भटकाने की कोशिश कर रहा है. जेटली ने कहा कि कोई विचारधारा देश को तोड़ने की बात करे तो ये स्वीकार्य नहीं. यह बात बहुत स्पष्ट है कि इस देश में शैक्षिक स्वतंत्रता पर कोई पाबंदी नहीं है. जेटली ने कहा कि कोई राष्ट्रविरोधी विचारधारा को कैसे स्वीकर कर सकता है. जेटली ने कहा कि जादवपुर यूनिवर्सिटी में भी देश विरोधी नारे लगे. ये कैसी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है?
'स्मृति ने जो पर्चा पढ़ा वह हमारा नहीं'
दूसरी ओर, महिषासुर शहादत दिवस और इस ओर स्मृति ईरानी द्वारा आयोजकों के पर्चा पढ़ने के मामले में नया ट्विस्ट आ गया है. शहादत दिवस के आयोजक अनिल कुमार का कहना है कि केंद्रीय मंत्री ने सदन में जो पर्चा पढ़ा, वह उन लोगों द्वारा लिखा हुआ नहीं है. अनिल ने कहा, 'वह हमारा पर्चा नहीं है. उससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है.' यही नहीं, उन्होंने आगे यह भी जोड़ा कि उनलोगों का किसी भी लेफ्ट पार्टी या दूसरे समूह से कोई संबंध नहीं है.
The pamphlet that Smriti Irani ji was reading in Parl. wasn't written by us- Anil Kumar,Mahishasura event organiser pic.twitter.com/QUyPvt9BV7
— ANI (@ANI_news) February 26, 2016
दिल्ली में सालभर से कोई सांप्रदायिक तनाव नहींWe have got nothing to do with the Left parties or groups-Anil Kumar,Mahishasura event organiser
— ANI (@ANI_news) February 26, 2016
दिग्विजय सिंह ने की आजतक के स्टिंग की चर्चा
राज्यसभा में जेएनयू मसले पर राजनाथ सिंह के जवाब के दौरान कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने पटियाला हाउस कोर्ट परिसर में हुई मारपीट के बाद आजतक के स्टिंग ऑपरेशन का हवाला देते हुए रहा कि आरोपी क्यों बाहर हैं? उपसभापति पीजे कूरियन ने गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू के सदन में नहीं होने की बात उठाई.
जेएनयू के गर्ल्स हॉस्टल में नहीं गई पुलिस
राजनाथ सिंह ने कहा कि दिल्ली में एफआईआर की संख्या बढ़ी है. इसकी वजह पुलिस का सुलभ होना है. दिल्ली पुलिस ने महिला सुरक्षा के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं. ऑपरेशन शिष्टाचार, ऑपरेशन हिम्मत, ऑपरेशन निर्भीक जैसी बड़ी कार्रवाई की है. सिंह ने कहा कि जेएनयू में गर्ल्स हॉस्टल में पुलिस के जाने के आरोप के बारे में गृह मंत्रालय या पुलिस के पास कोई सूचना नहीं है. जांच के दौरान किसी पुलिस वाले के सादे ड्रेस में गर्ल्स हॉस्टल जाने की बात सामने आएगी तो हम कड़ी कार्रवाई करेंगे.
हमलावर वकीलों को जमानत में जल्दी क्यों
सदन में कांग्रेस सासंद गुलाम नबी आजाद ने दिल्ली पुलिस पर जेएनयू मामले को जटिल बनाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कन्हैया के फूटेज के साथ भी छेड़छाड़ की गई है. असली वीडियो पर कार्रवाई नहीं हुई. कोर्ट में हमला करने वाले वकीलों को गिरफ्तार करने में देरी और जमानत पर छोड़ने में जल्दी की गई.