संसद के मौजूदा बजट सत्र के दूसरे चरण की अवधि 13 मई तक बढ़ाने के मुद्दे पर लोकसभा में शुक्रवार को काफी हंगामा हुआ और सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी.
कांग्रेस तथा अन्य पार्टियों ने सरकार पर यह आरोप लगाए कि इसने एकपक्षीय फैसला करते हुए सत्र की अवधि बढ़ाई है. इधर, सरकार का कहना है कि यह फैसला राजनीतिक मामले पर कैबिनेट कमेटी की बैठक के दौरान गुरुवार शाम को लिया गया और इसने विपक्ष को इसकी जानकारी जल्द से जल्द देने की कोशिश की.
प्रश्नकाल के बाद लोकसभा में मुद्दे को उठाते हुए सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कार्य मंत्रणा समिति की बैठक शुक्रवार को तब हुई जब सरकार ने सत्र की अवधि बढ़ाने का फैसला कर लिया. सत्र 8 मई को खत्म होने वाला था. उन्होंने कहा कि सरकार को अपनी प्राथमिकता का पता होना चहिए और उसी अनुसार तिथि तय करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह जानकारी गुरुवार को देर से आई.
खड़गे ने कहा, 'अध्यक्ष इससे अवगत नहीं हैं. हम अवगत नहीं हैं. सरकार ने इसकी घोषणा मीडिया में की.' उन्होंने कहा, 'सत्र की अवधि एकपक्षीय तरीके से बढ़ाई गई. सदन को विश्वास में नहीं लिया गया, विपक्ष को विश्वास में नहीं लिया गया. यह तानाशाही है. लोकतंत्र में तानाशाही नहीं चल सकती.
तृणमूल कांग्रेस के नेता और विपक्ष ने भी कहा कि सरकार ने सत्र की अवधि बढ़ाने से पहले उनसे संपर्क नहीं किया. ओडिशा से बीजू जनता दल (बीजद) के सांसद तथागत सतपति ने कहा कि बी.आर. अंबेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर जून में विशेष सत्र का आयोजन किया जाना चाहिए, 'जो कि हमारे संविधान के जनक को बड़ी श्रद्धांजलि होगी.'
बीजद सदस्य की मांग का शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के सदस्य प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने समर्थन किया. उन्होंने यह मांग भी की कि अंबेडकर के चित्र देश की सभी अदालतों में लगाना अनिवार्य कर दिया जाए. इस बीच, संसदीय कार्य मंत्री एम.वेंकैया नायडू ने सदस्यों को जवाब देते हुए कहा कि किसी भी मंत्री ने मीडिया को सत्र के विस्तार की सूचना नहीं दी है.
मीडिया के पास जानकारी जुटाने का अपना तरीका है. नायडू ने कहा कि गुरुवार को लोकसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद राजनीतिक मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक में सत्र विस्तार का फैसला किया गया. उन्होंने कहा कि वह राज्यसभा की कार्यवाही के कारण व्यस्त थे, जो कि देर शाम चलती रही, लेकिन वह इसके बाद विपक्ष के कुछ नेताओं से मिले, जबकि कुछ को शुक्रवार सुबह ही सूचना दी जा सकी.
अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि उन्हें सत्र के विस्तार की सूचना मिल गई है. महाजन ने प्रश्नकाल को स्थगित करने की खड़गे की मांग को अस्वीकार कर दिया, जिसके बाद कांग्रेस सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी, जिसको देखते हुए सदन की कार्यवाही पहले पूर्वाह्न 11.30 बजे और फिर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी.
इनपुट: IANS