उत्तर प्रदेश में पिछले शुक्रवार से शुरू हुए विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सोमवार को सदन में पूरे विपक्ष ने एक साथ सरकार पर हमला बोला और कानून-व्यवस्था तथा गन्ना के समर्थन मूल्य को लेकर जमकर हंगामा किया.
उत्तर प्रदेश विधानमंडल के दोनों सदनों- विधानसभा व विधानपरिषद में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सदस्यों ने सूबे में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर जमकर हंगामा किया और सदन में सरकार के खिलाफ पोस्टर लहराए. बसपा के सदस्य हाथों में पोस्टर लिए हुए सभापति के आसन के करीब आकर नारेबाजी करने लगे.
इस बीच राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गन्ने का समर्थन मूल्य 400 रुपये प्रति क्विंटल किए जाने की मांग को लेकर सदन में हंगामा किया.
रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि जब तक सरकार सदन में किसानों के लिए गन्ने के समर्थन मूल्य का ऐलान नहीं करेगी, तब तक सदन नहीं चलने दिया जाएगा. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने विधानसभा के बाहर संवाददाताओं से कहा, 'हमने विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री से मिलकर सदन की कार्यवाही 10 दिन और बढ़ाने की मांग की है। सदन का शीत सत्र इतना छोटा है कि इसमें राज्य की जनता से जुड़े मुद्दों पर सही तरीके से चर्चा नहीं हो सकती.'
भारी हंगामे के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विधानसभा में प्रदेश का अनुपूरक बजट पेश किया. बजट पर सोमवार व मंगलवार को चर्चा होने की उम्मीद है.
उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र 23 नवंबर से 30 नवंबर तक प्रस्तावित है. सत्र के पहले दिन शुक्रवार को विधानसभा में सूबे के खेल एवं युवा कल्याण राज्य मंत्री कामेश्वर उपाध्याय के निधन पर शोक व्यक्त कर उन्हें श्रद्घांजलि दी गई थी. सत्र बेहद छोटा होने की वजह से विपक्ष लगातार सरकार की मंशा पर सवाल उठा रहा है.