यूपीएससी की सिविल सर्विसेज परीक्षा में हिंदीभाषी छात्रों के साथ कथित भेदभाव के मसले पर सरकार माथापच्ची में जुटी है. प्रधानमंत्री कार्यालय के अफसरों की मौजूदगी में केंद्रीय मंत्रियों ने अहम बैठक की. सीसैट पर आंदोलनकारी छात्रों के हक में फैसला आने की उम्मीद बढ़ गई है.
सिविल सर्विसेज के उम्मीदवारों की नाराजगी ने जब केंद्र सरकार को परेशान किया, तो मसले का हल निकालने के लिए बैठकों का दौर शुरू हुआ. सरकार में नंबर दो और गृहमंत्री राजनाथ सिंह के घर पर उच्चस्तरीय बैठक हुई. इस बैठक में वित्तमंत्री अरुण जेटली और पीएमओ में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह भी मौजूद थे.
मंत्रियों के अलावा पीएमओ के कुछ सीनियर अधिकारी भी बैठक में मौजूद थे. सूत्र बताते हैं कि राजनाथ सिंह के घर हुई बैठक में सीसैट विवाद का जल्द से जल्द हल निकाले जाने को लेकर चर्चा हुई. यूपीएससी के सीसैट विवाद को लेकर सरकार ने कमेटी को पहले ही निर्देश दे रखे हैं कि वह जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपे.
दरअसल, 2011 से यूपीएससी सीसैट यानी सिविल सर्विसेज एप्टीच्यूड टेस्ट लेता है. हिंदीभाषी छात्र इस टेस्ट को लेकर आरोप लगाते हैं कि पेपर का हिंदी अनुवाद ठीक से नहीं होता और उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इस साल मार्च में यूपीए सरकार ने सीसैट को लेकर एक कमेटी बनाई, लेकिन अभी तक कमेटी ने कोई रिपोर्ट नहीं दी है. नई सरकार आई, तो उसने छात्रों को भरोसा दिया कि मसले का हल निकाला जाएगा. लेकिन इस बीच यूपीएससी ने प्रिलिम्स परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड जारी कर दिए, जिससे बवाल बड़ा हो गया.