केंद्र सरकार ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सी-सैट के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों को राहत देने का मन बना लिया है. सूचना है कि फिलहाल केंद्र सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा की तारीख 24 अगस्त से आगे बढ़ा सकती है. पीएमओ के सूत्रों के मुताबिक इस मसले पर केंद्र का अंतिम निर्णय तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट के बाद आएगा.
सोमवार को इस मसले को लेकर पीएमओ में राज्य मंत्री जीतेंद्र सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने यूपीएससी परीक्षार्थियों को आश्वासन दिया है कि सरकार इस मुद्दे को एक सप्ताह के भीतर सुलझा लेगी.
राहुल ने कहा, अन्याय नहीं होने देंगे
सोमवार को ही एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष रोहित चौधरी के नेतृत्व में यूपीएससी के परीक्षार्थी छात्रों के 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राहुल गांधी से उनके घर पर मुलाकात की. कांग्रेस की छात्र शाखा के प्रवक्ता अमरीश रंजन पांडेय ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि राहुल गांधी के साथ करीब यह मुलाकात करीब एक घंटे तक चली. मुलाकात के दौरान परीक्षार्थियों ने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा की नई पद्धति के चलते उन्हें हो रही समस्या के बारे में चर्चा की.
माना जा रहा है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने यूपीएससी परीक्षा के उम्मीदवारों के इस प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि उनके प्रति कोई अन्याय नहीं होगा और वह उनकी चिंताओं को उचित मंच पर उठायेंगे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा छात्रों के साथ है और गरीब परिवेश से आने वाले छात्रों के प्रति कोई अन्याय नहीं होने दिया जायेगा.
अखिलेश ने लिखा मोदी को पत्र
उधर यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिख कर सी-सैट पर पुनर्विचार की मांग की है.
यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी केन्द्र सरकार से सी-सैट प्रणाली पर पुनर्विचार की मांग की है. सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक अखिलेश ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सोमवार को लिखे एक पत्र में हिन्दी तथा अन्य क्षेत्रीय भाषा-भाषी छात्रों के भविष्य एवं संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की प्रशासनिक सेवा परीक्षा में समानता की मूल भावना को ध्यान में रखते हुए सी-सैट प्रणाली पर पुनर्विचार की मांग की.
अखिलेश ने पत्र में लिखा, ‘संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रशासनिक सेवा परीक्षा में उत्तर प्रदेश से काफी तादाद में परीक्षार्थी शामिल होते हैं जिनकी मूल भाषा हिन्दी है.’ उन्होंने लिखा कि वर्तमान में आयोजित परीक्षा पद्धति में सी-सैट के तहत जो प्रश्नपत्र हिन्दी या अन्य भाषाओं के माध्यम के परीक्षार्थियों को उपलब्ध कराये जाते हैं, उनमें मूलत: साफ्टवेयर द्वारा अंग्रेजी भाषा का रूपांतरण कर दिया जाता है.
पत्र में कहा गया कि रूपांतरण के बाद प्रश्न के मूल अर्थ में विसंगतियां उत्पन्न हो जाती हैं, जिसके कारण परीक्षार्थी द्वारा उनका उत्तर देने में संशय की स्थिति पैदा होती है.
गौरतलब है कि यूपीएससी की सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा के पैटर्न में बदलाव की मांग को लेकर छात्र राजधानी में आंदोलन कर रहे हैं. यह मुद्दा पिछले दिनों संसद में भी जोरदार ढंग से उठा था.