उरी हमले में मारे गए आतंकियों के पास से पाकिस्तानी सामान बरामद हुआ है, लेकिन पाकिस्तान ने इस हमले में अपना हाथ होने से साफ इनकार कर दिया है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि बिना किसी जांच के उसका नाम घसीटा जा रहा है. इस पर भारत ने कड़ा रुख अपनाते हुए तय किया है कि सैन्य अभियान के महानिदेशक (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह पाकिस्तान के साथ होने वाली वार्ता में उसे उरी हमले से जुड़े सबूत सौपेंगे.
पाकिस्तान ने भारत से उरी हमले में खुफिया जानकारी मांगी थी, ताकि वो इसके आधार पर कार्रवाई कर सके. जिसे ध्यान में रखते हुए डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह अपने समकक्ष को इस तरह से सबूत सौंप सकते हैं.
1. सेना उरी हमले में पाकिस्तान के जुड़े होने के पुख्ता सबूत तैयार करेगी.
2. डीजीएमओ अपने समकक्ष के साथ सारी जानकारी साझा करेंगे.
3. आतंकियों के पास से मिले सामान पर पाकिस्तानी चिन्हों को मुद्दा बनाया जाएगा.
4. आतंकियों के पास से मिली चीजों पर पाकिस्तान निर्मित होने के निशान थे.
5. दवाइयों और कैंडी पर मेड इन पाकिस्तान लिखा था.
6. अन्य सबूत आतंकियों के भारत में घुसने और आतंकी हमला अंजाम देने तक के रूट मैप से जुटाए जाएंगे.
7. सभी सैन्य घटनाएं डीजीएमओ वार्ता में उठाई जाएंगी ना कि विदेश सचिव या एएसए वार्ता में.
हमले में पाकिस्तान का हाथ
उरी में पाकिस्तान से आए चार आतंकियों ने नापाक हमला किया. लाइन ऑफ कंट्रोल से सटे उरी के सेना मुख्यालय पर हुए हमले में मारे गए चार आतंकियों के पास से मिले सबूत पाकिस्तान के इसमें शामिल होने की तस्दीक कर रहे हैं. आतंकियों के पास से 4 एके-47 राइफल, 4 अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर्स और ऐसे कई हथियार मिले हैं, जिनका इस्तेमाल जंग के वक्त होता है. सभी हथियार पाकिस्तान में बने हैं.
जैश-ए-मोहम्मद के हैं चारों आतंकी
इस बात की पुष्ट हो चुकी है कि चारों आतंकी जैश-ए-मोहम्मद के हैं. ये वही आतंकी संगठन है जिसने 8 महीने पहले पठानकोट एयरबेस पर हमला बोला था. हैरानी ये है कि इसका आका मसूद अजहर मोस्ट वांटेड है, लेकिन वो पाकिस्तान की सरपस्ती में ना सिर्फ आजाद घूम रहा है, बल्कि पाकिस्तानी छद्म युद्ध का मोहरा भी बना हुआ है.
सबूतों को नजरअंदाज कर रहा है PAK
उरी हमले को लेकर पाकिस्तान को सबूत दिए गए हैं. पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों से नाराजगी और चिंता भी जता दी गई. लेकिन पाकिस्तान की बेशर्मी ऐसी कि हर बार की तरह वह ना सिर्फ सबूतों को झुठला रहा है, बल्कि नजरअंदाज भी कर रहा. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीज जकारिया ने कहा कि बिना जांच के पाकिस्तान का नाम लेना गलत है.