अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के लिए सबसे अच्छा दोस्त साबित हो रहे हैं. यही वजह है कि साल 2017 में भारत-अमेरिका संबंध नई ऊंचाईयों पर पहुंचे. वहीं इसी सिलसिले में भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ जस्टर का भी बयान आया है. केनेथे जेस्टर के मुताबिक अब समय आ गया है कि भारत के साथ सामरिक और कूटनीतिक संबंध और मजबूत किए जाएं और टिकाऊ बनाया जाए.
We must build a partnership that is strong & durable, while also flexible & adaptive. Let us seize the opportunity before us, so that future generations look back on this period as a time when we truly transformed #USIndia relations- Amb Juster #USAmbPolicySpeech #First100Days pic.twitter.com/69Niln4hec
— U.S. Embassy India (@USAndIndia) January 11, 2018
अमेरिका के आतंक विरोधी योजनाओं पर बात करते हुए जस्टर ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिका के बाकी नेताओं का यह साफ एजेंडा है कि क्रॉस बॉर्डर आतंकी गतिविधियों को रोका जाए और कहीं भी 'टेररिस्ट सेफ हेवन' बनने से रोका जाए.
“President Trump and other U.S. leaders have been clear that we will not tolerate cross-border terrorism or terrorist safe havens anywhere.” - Ambassador Juster #USAmbPolicySpeech #First100Days
— U.S. Embassy India (@USAndIndia) January 11, 2018
भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ जस्टर ने आज कहा कि परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता के लिए अमेरिका अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ बहुत करीब से काम कर रहा है. उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत रासायनिक और जैविक हथियारों पर ऑस्ट्रेलिया ग्रुप में निकट भविष्य में शामिल हो जाएगा.
भारत परमाणु व्यापार का नियंत्रण करने वाले 48 सदस्यीय प्रतिष्ठित समूह एनएसजी में प्रवेश के लिए प्रयास कर रहा है, लेकिन चीन ने बार बार उसके प्रयासों में अड़चन डाली है. जस्टर ने माना कि अमेरिका और भारत ने संवेदनशील अमेरिकी प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण से संबंधित चुनौतीपूर्ण और जटिल मुद्दों का सामना किया है.
उन्होंने भारत में अमेरिकी राजदूत का कामकाज संभालने के बाद अपने पहले नीतिगत भाषण में कहा, ‘‘भारत ने इस प्रौद्योगिकी के लिए पहुंच बढ़ाने का प्रयास किया वहीं अमेरिका सुनिश्चित करना चाहता था कि किसी भी हस्तांतरण का इस्तेमाल सहमति वाले उद्देश्यों के लिए निर्धारित प्राप्तकर्ता ही करे.’’
जस्टर ने कहा, ‘‘इसके लिए एक अत्याधुनिक निर्यात नियंत्रण प्रणाली जरूरी थी, जो स्पष्ट रूप से भारत के पास उस समय नहीं थी.’’ उन्होंने कहा कि इस विषय पर शुरूआती संवाद थोड़ा औपचारिक रहा और दोनों देशों की स्थितियों में चौड़ी खाई की वजह से थोड़ा तनावपूर्ण था.
आपको बता दें कि केनेथे जस्टर भारत में अमेरिका के नए राजदूत हैं. यह उनका राजदूत बनने के बाद पहला भाषण था. भारत के साथ जस्टर के संबंध काफी पुराने हैं और उन्होंने भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते में महत्वूपर्ण भूमिका निभाई थी.
आपको बता दें कि जनवरी 2017 में ट्रंप द्वारा अमेरिका राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद से अमेरिका और भारत के रिश्ते काफी मजबूत हो रहे हैं. साथ ही अमेरिका भारत के दुश्मन देश पाकिस्तान के भी आतंकियों के बढ़ावा देने वाले मंसूबों पर लगाम लगा रहा है.
यह भारत की दोस्ती ही थी जिस वजह से अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सैकड़ों डॉलर की सैन्य सहायता रोक दी. साथ ही उसे धमकी देते हुए आतंकियों को पालने पोषने से बचने की सलाह दी है.