लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के लिए अच्छी खबर है. अमेरिका ने इस बात के संकेत दिए हैं कि वह 9 साल पुराना मोदी का बहिष्कार खत्म करेगा. भारत में अमेरिका की राजदूत नैंसी पॉवेल की योजना नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने की है. पॉवेल की इस योजना से गुजरात दंगों के सिलसिले में मोदी को लेकर अमेरिका के रुख में बदलाव का संकेत मिलता है. गौरतलब है कि साल 2005 में अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने 2002 में हुए गुजरात दंगों के मद्देनजर मोदी का वीजा रद्द कर दिया था.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, 'हम मोदी और पॉवेल के बीच मुलाकात तय होने के बारे में पुष्टि कर सकते हैं.' प्रवक्ता ने कहा, 'यह अमेरिका-भारत संबंधों पर जोर देने के लिए वरिष्ठ राजनीतिक और कारोबारी नेताओं तक पहुंचने के लिए नवंबर में शुरू हुए हमारे प्रयासों का हिस्सा है.' मोदी से मुलाकात का आग्रह पॉवेल ने किया था लेकिन प्रवक्ता ने मुलाकात की संभावित तारीख के बारे में कुछ नहीं कहा. समझा जाता है कि यह मुलाकात इसी महीने गांधीनगर में होगी. सूत्रों के मुताबिक यह मुलाकात 14 या 15 फरवरी को हो सकती है.
सूत्रों के मुताबिक मोदी-नैंसी की मुलाकात के दौरान वीजा मसले पर कोई सीधी बात नहीं होगी. वहीं, भारत स्थित अमेरिकी दूतावास का कहना है कि मुलाकात के दौरान द्विपक्षीय रिश्तों पर बात होगी. सपा सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा है कि मोदी को लेकर अमेरिका के रुख में आए बदलाव से साफ है कि अमेरिका भारत के अंदरूनी मामलों में
दखल दे रहा है.
पिछले दिनों अमेरिका के प्रभावशाली विचार समूहों ने कई सार्वजनिक बैठकें आयोजित की गईं थी जिनमें निष्कर्ष निकाला गया था कि भारत में होने वाले आगामी लोकसभा चुनावों में मोदी की अगुवाई में भाजपा फिलहाल जीत की ओर अग्रसर है.
'द ओवरसीज फ्रैंड्स ऑफ बीजेपी' की अमेरिकी शाखा के अध्यक्ष चंद्रकांत पटेल ने इस सिलसिले में ओबामा प्रशासन द्वारा किए गए फैसले का स्वागत किया है. पटेल ने कहा, 'हम अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और विदेश मंत्री जॉन केरी द्वारा किए गए इस फैसले की अत्यंत सराहना करते हैं. इससे भारत-अमेरिका संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने में मदद मिलेगी' उन्होंने कहा, 'मोदी फिलहाल देश में सर्वाधिक लोकप्रिय नेता हैं' भारत की सभी अदालतों ने उन्हें क्लीन चिट दी है जिसे देखते हुए मोदी के साथ रिश्ते नहीं रखना अमेरिका की ओर से सही नहीं है.'