अमेरिकी परिवहन विभाग ने 30 जुलाई को एक आदेश किया जारी किया. इस आदेश के मुताबिक, अमेरिका ने भारत की विमानन कंपनी एयर इंडिया की ग्राउंड हैंडलिंग पर रोक लगा दी है. अमेरिका के इस फैसले को भारत द्वारा 2017 में उठाए गए कदम के विरोध में माना जा रहा है.
बता दें कि नई दिल्ली में सभी इंटरनेशल फ्लाइट्स को ऑपरेट करने के लिए भारतीय एयरपोर्ट पर ग्राउंड हैंडलिंग की मंजूरी नहीं है. ऐसे में अमेरिकी अधिकारियों ने भारत में ग्राउंड हैंडलिंग न मिलने पर विरोध जताया था.
अमेरिकी अधिकारियों का कहना था कि भारत में पहले एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे ताकि सभी अमेरिकी फ्लाइट्स को ग्राउंड हैंडलिंग मिल सके. भारतीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने अमेरिका से वादा किया था कि इस पर गौर किया जाएगा लेकिन अब तक इस पर फैसला नहीं लिया गया था.
अमेरिकी परिवहन विभाग के ताजा आदेश में लिखा है, 'विभाग से भारतीय एयरपोर्ट पर ग्राउंड हैंडलिंग करने के लिए द्विपक्षीय समझौते हुए थे, जिसे पूरा करने में भारत सरकार विफल रही, इसलिए विभाग ने अमेरिकी एयरपोर्ट पर एयर इंडिया की ग्राउंड हैंडलिंग को निलंबित कर दिया है.'
हालांकि, एयर इंडिया के सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया है कि इससे एयरलाइन पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि इसने हमेशा संयुक्त राज्य अमेरिका में ग्राउंड हैंडलिंग ऑपरेशन को आउटसोर्स किया है.
एयर इंडिया के विमान अमेरिका के पांच एयरपोर्ट से उड़ान भरते हैं
सैन फ्रांसिस्को
वाशिंगटन
न्यूयॉर्क
नेवार्क
शिकागो
बता दें कि यह आदेश एयर इंडिया और जेट एयरवेज के लिए भी था, लेकिन बाद में सभी ऑपरेशनों को बंद कर दिया गया था. अब केवल एयर इंडिया ही इसके दायरे में है.
ग्राउंड हैंडलिंग क्या है?
किसी भी विमान के एयरपोर्ट पर उतरने और वापस उड़ान भरने की अवधि के दौरान कई प्रकार की सेवाओं की जरूरत होती है. इन सेवाओं की पूर्ति ग्राउंड स्टाफ द्वारा कराई जाती है, इसे ही ग्राउंड हैंडलिंग कहा जाता है. जैसे सही जगह तक विमान पहुंचने, साफ-सफाई करने, बचे हुए खाने को उतारने और अगली उड़ान के लिए रनवे पर जाने की गतिविधियां ये सब ग्राउंड हैंडलिंग में आती हैं. इसे अलावा यात्रियों का सामान चढ़ाने-उतारने की प्रक्रिया को भी ग्राउंड हैंडलिंग में ही शामिल किया जाता है. अगर देश अपने लेवल पर यह इंतजाम करते हैं तो यह सेवा उन्हें सस्ती पड़ती है.