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अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर से बढ़ा मंदी का संकट, भारत दोनों से बेहतर- निर्मला सीतारमण

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि पूरी दुनिया मंदी के दौर से गुजर रही है लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया के मुकाबले ज्यादा मजबूत है.

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निर्मला सीतारमण (PTI)
निर्मला सीतारमण (PTI)

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दुनिया भर के बाजारों में मंदी का असर देखा जा सकता है. भारतीय अर्थव्यवस्था भी इससे अछूती नहीं है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि पूरी दुनिया मंदी के दौर से गुजर रही है, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया के मुकाबले ज्यादा मजबूत है.

उन्होंने कहा कि अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वार के कारण मंदी के संकट को बढ़ावा मिला है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था चीन और अमेरिका से बेहतर है. बता दें कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार को लेकर चल रहा 'युद्ध' अपने चरम पर है.

हाल में ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि चीन पिछले कई दशकों में सबसे बुरे साल से गुजर रहा है और इस कारण वह व्यापार समझौता करना चाहता है. साथ ही ट्रंप ने कहा कि चीन व्यापार समझौते के लिए तैयार नहीं है.

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अमेरिका चीन के 250 अरब डॉलर के सामान पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगा चुका है. अगले महीने से चीन के शेष 300 अरब डॉलर के सामान पर भी अतिरिक्त 10 प्रतिशत शुल्क प्रभावी होने वाला है.

ट्रंप ने अगस्त के शुरुआत में कहा, 'चीन समझौता करना चाहता है. यह कई दशकों में उनका सबसे बुरा साल है. यह और बुरा होने वाला है. हजारों कंपनियां चीन छोड़ रही हैं. वे समझौता करना चाहते हैं. मैं समझौते के लिए तैयार नहीं हूं.'

बता दें कि दोनों देशों के बीच पिछले साल नवंबर में व्यापार वार्ता की शुरुआत हुई थी. अब तक दोनों पक्षों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन कोई सार्थक परिणाम सामने आ नहीं सका है. दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों के बिगड़ने का असर पूरी दुनिया पर पड़ रहा है.

बता दें कि दोनों देशों के बीच नवंबर में वार्ता शुरू होने के बाद 100 दिनों के भीतर समझौते पर पहुंचने की सहमति बनी थी. इससे पहले इसी सप्ताह अमेरिका ने चीन को मुद्रा में हेरफेर करने वाला देश घोषित किया है.

पिछले कुछ दिनों के दौरान ट्रंप ने कहा कि यदि उनकी चिंताओं को दूर करने के दिशा में कदम नहीं उठाए गए तो वह चीन के खिलाफ और कार्रवाई करने वाले हैं. ट्रंप अक्सर चीन की वादे और प्रतिबद्धताओं से पीछे हटने वाले देश के तौर पर आलोचना कर चुके हैं.

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