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अमेरिकी प्रभाव केवल सैन्य ताकत का हिस्सा नहीं: ओबामा

दुनिया में अमेरिकी प्रभाव केवल अमेरिका के सैन्य ताकत का हिस्सा नहीं है. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने जोर देते हुये यह कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका को आर्थिक और कूटनीतिक ताकत का इस्तेमाल अपनी स्थिति को सुदृढ करने और सहयोगियों के साथ रिश्ते बनाने में करना चाहिये.

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दुनिया में अमेरिकी प्रभाव केवल अमेरिका के सैन्य ताकत का हिस्सा नहीं है. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने जोर देते हुये यह कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका को आर्थिक और कूटनीतिक ताकत का इस्तेमाल अपनी स्थिति को सुदृढ करने और सहयोगियों के साथ रिश्ते बनाने में करना चाहिये.

उन्होंने कहा, ‘इराक में हमारे द्वारा किये गये प्रयासों से हमें जो एक चीज सीखने को मिली है वह यह है कि दुनिया में अमेरिका का प्रभाव केवल उसकी सैन्य ताकत से नहीं निर्मित होता है. हमें अपनी शक्ति के सभी स्त्रोतों का मसलन आर्थिक, कूटनीतिक, और स्वंय अमेरिका की ताकत का सम्मिलित इस्तेमाल कर अपने हितों को और सहयोगियों के साथ हमारे रिश्तों को मजबूत बनाने में जरुर करना चाहिये.’ ओबामा ने जोर देते हुये कहा अमेरिका को एक ऐसे परियोजना पर कार्य करना चाहिये जिससे लोगो में यह संदेश जाये कि हमारा भविष्य केवल डर की बुनियाद पर नहीं होगा बल्कि यह उम्मीदों से भरा होगा.

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उन्होंने कहा आज के समय में हमारे विरोधी भी शांति की राह पर है और उभरते हुये लोकतंत्र हमारे मजबूत सहयोगी है.

बराक ओबामा ने कहा ‘हमारे समानों के लिये नये बाजार के तौर पर विस्तार एशिया से अमेरिका तक किया गया है. मध्य एशिया में शांति को बहाल करने की प्रक्रिया कल से शुरु होगी. करोड़ो युवक इस संघर्ष की स्थिति और गरीबी से मुक्ति चाहते हैं.’{mospagebreak} उन्होंने कहा, ‘मुक्त विश्व का नेता होने के नाते अमेरिका केवल लड़ाई के मैदान में शत्रुओं पर विजय पाने की बात नहीं सोचता है जो केवल हिंसा और विध्वंस की राह को दर्शता है बल्कि हम उनके साथ है जो दुनिया में हमारे साथ स्वतंत्रता और उपलब्धियों को फैलाने के लिये काम कर रहे है.’ इतिहास इस बात का गवाह है कि अमेरिका शुरु से ही लोकतंत्र और व्यक्तिगत स्वतंत्रता तथा मानवीय प्रतिष्ठा को दुनिया में फैलाने के लिये काम करता आया है.

ओबामा ने कहा, ‘लेकिन हमें इस बात को समझना चाहिये कि दुनिया में जो हमारे राष्ट्र की शक्ति की पहचान और प्रभााव का रुतबा कायम है उसका लाभ हमारे अपने लोगो को भी मिलना चाहिये. इस समृद्धि का मूल आधार अमेरिका के मध्य वर्ग का होना चाहिये.’ उन्होंने कहा, ‘दुर्भाग्यवश पिछले एक दशकों में हम वह आवश्यक काम नहीं कर पाये है जिससे हमारी समृद्धि की बुनियाद मजबूत हो सके. ओबामा ने कहा कि हमने युद्ध में एक खरब डालर से अधिक खर्च किए हैं.’

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ओबामा ने कहा, ‘वास्तव में हमारे अपने लोगो के लिये किये जाने वाले निवेश में थोड़े समय के लिये बदलाव आ गया था जिससे हमारे घाटे में बढोतरी हुई. लेकिन लंबे समय के फायदे के लिये हमने कड़े फैसले किये जिसमें हमारी ऊर्जा नीति से लेकर शिक्षा नीति तक शामिल है.’ उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरुप मध्यम वर्ग के लोग थोड़े समय के लिये अपने को मुश्किलों से घिरा हुआ पा सकतें हैं.

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