भारत की नाखुशी जाहिर करने के बाद भी अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ लड़ाकू विमान एफ-16 की डील पर कदम आगे बढ़ा दिए हैं. ओबामा प्रशासन ने इस डील को रोकने की अपने सांसदों की मांगों को भी दरकिनार कर दिया, वहीं अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा ने रविवार को कहा कि पाकिस्तान में अभी कई खतरनाक आतंकी संगठन सक्रिय हैं.
वर्मा ने कहा, 'वास्तविकता यह है कि पाकिस्तान में कई खतरनाक आतंकी समूह सक्रिय हैं. पाकिस्तान को आतंकी समूहों के खिलाफ और कार्रवाई करने की जरूरत है. पनाहगाहों को खत्म करने की जरूरत है.'
The reality is that there are dangerous terror groups operating in Pakistan: US Ambassador Richard Verma.
— Press Trust of India (@PTI_News) February 14, 2016
More action needs to be taken by Pakistan against terror groups; safe havens need to be eliminated: Verma.
— Press Trust of India (@PTI_News) February 14, 2016
गौरतलब है कि इससे पहले शनिवार को भारत ने पाकिस्तान के साथ डील को लेकर ओबामा प्रशासन से अपनी नाराजगी जताई थी. विदेश मंत्रालय ने मामले में भारत में अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा को साउथ ब्लॉक तलब किया. वर्मा ने साउथ ब्लॉक पहुंचकर विदेश सचिव एस. जयशंकर के सामने अपने सरकार का पक्ष रखा.
भारत के रवैए से पाकिस्तान निराश
दसरी ओर, इस डील के मसले पर भारत के रवैए से पाकिस्तान ने 'निराशा' जाहिर की. पाकिस्तान की ओर से कहा गया है कि भारत रक्षा उपकरणों का सबसे बड़ा खरीदार है. भारत के पास हथियारों का हमसे बड़ा भंडार है. पाकिस्तान ने इस डील को लेकर ओबामा प्रशासन की हां में हां मिलाते हुए दोहराया है कि इससे उन्हें बढ़ते आतंकवाद के खिलाफ अधिक ताकत के साथ लड़ने में मदद मिलेगी.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बयान दिया कि हम भारत सरकार की प्रतिक्रिया से हैरान और निराश हैं. उनकी फौज के हथियारों का जखीरा कहीं बड़ा है. वे हथियारों के सबसे बड़े खरीदार भी हैं. एफ-16 डील के मामले में पाकिस्तान और अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं.
आंतकवाद विरोधी अभियान का बहाना
अमेरिकी विदेश विभाग ने 70 करोड़ डॉलर में आठ एफ-16 विमान पाकिस्तान को दिए जाने के लिए 11 फरवरी को इस फैसले को अधिसूचित किया था. विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि हम पाकिस्तान के आतंकवाद रोधी और चरमपंथ रोधी अभियान में सहायता देने के लिए आठ एफ-16 विमान बेचे जाने के प्रस्ताव का समर्थन करते हैं. एफ-16 लड़ाकू विमान पाकिस्तान के आतंकवादी विरोधी अभियानों की सफलता में कारगर साबित हुए हैं.
भारत अमेरिका के तर्क से सहमत नहीं
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने शनिवार को ट्वीट कर बताया था कि पाकिस्तान को एफ-16 विमान बेचने के अमेरिका के फैसले से भारत निराश है. इस तर्क से सहमत नहीं हुआ जा सकता कि इस डील से पाकिस्तान में आतंकवाद से निपटने में मदद मिलेगी. एफ-16 विमान हर तरह के मौसम में हमला करने के काबिल हैं.
पठानकोट और मुंबई हमले पर चल रही है जांच
भारत पठानकोट और मुंबई हमला को अंजाम देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए जोर दे रहा है. मुंबई हमलों के दोषी डेविड कोलमैन हेडली ने अमेरिका से विडियो लिंक के जरिए मुंबई की एक अदालत के सामने खुलासा किया है कि लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद को रकम और आर्मी मदद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से मिली थी.
अमेरिका में भी जारी है विरोध
रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दोनों ही दलों के प्रभावशाली सांसदों के बढ़ते विरोध के बावजूद अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कांग्रेस को बताया चुका है कि वह पाकिस्तान को एफ-16 ब्लॉक 52 विमान, उपकरण, प्रशिक्षण और साजोसामान से जुड़े मदद वाली विदेशी सैन्य बिक्री करने को मंजूरी दे रहा है. पेंटागन की शाखा रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी ने कहा था कि अनुमानित कीमत 69.94 करोड़ डॉलर है. उनकी ओर से कहा गया था कि डीले से सैन्य संतुलन पर असर नहीं पड़ेगा. एजेंसी ने बताया कि इस प्रस्तावित डील का यह नोटिस कानून के तहत जरूरी है. इसका यह मतलब नहीं है कि डील पूरी हो चुकी है.