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‘गुजरात दंगों में 2000 लोगों की मौत के दाग नरेंद्र मोदी पर, मत दो वीजा’

नरेंद्र मोदी के अमेरिकी वीजा पर नया अड़ंगा सामने आया है. अमेरिका के रिलिजियस फ्रीडम कमीशन ने सिफारिश की है कि मोदी को अमेरिका का वीजा नहीं मिलना चाहिए.

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नरेंद्र मोदी
नरेंद्र मोदी

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार अपनी छवि सुधारने में लगे हैं लेकिन इसका असर अमेरिका पर बिल्कुल ही नहीं दिख रहा है. मोदी को अमेरिकी वीजा दिए जाने पर अड़ंगा डालने वाला एक नया मामला सामने आया है.

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अमेरिका के रिलिजियस फ्रीडम कमीशन ने सिफारिश की है कि मोदी को अमेरिका का वीजा नहीं मिलना चाहिए. आयोग ने सिफारिश की है कि धार्मिक स्वतंत्रता के गंभीर उल्लंघन के कारण मोदी को अमेरिका नहीं आने दिया जाए.

पैनल का कहना है कि 2002 के दंगों में मोदी के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं. अमेरिका के रिलिजियस फ्रीडम कमीशन की अध्यक्षा कैटरीना लैंटोस ने वार्षिक रिपोर्ट जारी करने के दौरान बताया, ‘इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि गुजरात में हुए दंगे और इसके बाद के हादसे से उनका सीधा संबंध था और इसलिए उन्हें वीजा नहीं दिया जाना चाहिए.’

इस रिपोर्ट में कमीशन ने यह भी बताया कि मोदी एक मात्र ऐसे व्यक्ति हैं जिनपर अमेरिका ने मार्च 2005 से ही वीजा देने पर रोक लगा रखा है. कमीशन ने बताया कि ऐसा 2002 के गुजरात दंगों में उनकी कथित मिलीभगत के आरोप में किया गया है. इन दंगों में 1,100 से 2,000 मुसलमानों की मौत का अनुमान लगाया गया है.

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इस रिपोर्ट में धार्मिक स्वतंत्रता के मामले में भारत को अफगानिस्तान, अजरबाइजान, क्यूबा, इंडोनेशिया, कजाकिस्तान, लाओस और रूस के साथ दूसरी श्रेणी में रखा गया है.

अमेरिका के इस रिलीजियस कमीशन के सदस्यों का चुनाव वहां के राष्ट्रपति ही करते हैं.

गौरतलब है कि प्रतिनिधि सभा के रिपब्लिकन सदस्य एरान शहोक के नेतृत्व में गुजरात आए एक शिष्टमंडल ने इसी साल 29 मार्च को मोदी से मुलाकात की थी. शिष्टमंडल के सदस्यों ने मोदी को अमेरिका आने का न्यौता भी दिया था. हालांकि इसके बाद अमेरिका ने रुख साफ करते हुए कहा था कि नरेंद्र मोदी वीजा के लिए आवेदन करने के मामले में स्वतंत्र हैं, लेकिन इस मसले पर अमेरिकी नीति में कोई बदलाव नहीं आया है.

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