अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा अपने तीन दिवसीय दौरे के आखिरी दिन दिल्ली के सीरी फोर्ट ऑडिटोरियम में मंत्रमुग्ध कर देने वाला भाषण दिया. उन्होंने स्वामी विवेकानंद के अंदाज में भारतीयों को 'मेरे भारतीय भाइयों और बहनों' के रूप में संबोधित करके मन मोह लिया.
उन्होंने कहा कि उनके गृहनगर शिकागो ने सदी भर पहले स्वामी विवेकानंद का स्वागत किया था जो हिंदुत्व और योग के प्रचार के लिए भारत आए थे. आज मैं कहना चाहता हूं, 'मेरे भारतीय भाइयों और बहनों.' इसके बाद सदन देर तक तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने भाषण में दोनों देशों के रिश्तों, उसकी समानताओं, लोकतांत्रिक मूल्यों और भविष्य की संभावनाओं पर विस्तार से बात की.
राजधानी के सीरीफोर्ट ऑडिटोरियम में राष्ट्रपति ओबामा के भाषण की शुरूआत सुबह 10.30 बजे हुई. उन्होंने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया और कहा कि अमेरिका भारत का 'बेस्ट पार्टनर' बनना चाहता है और साथ मिलकर काम करना चाहता है. उन्होंने कहा कि शक्ति के साथ जिम्मेदारी भी आती है और इस क्षेत्र में भारत अपने पड़ोसी देशों का विकास में योगदान कर सकता है. ओबामा ने भारतीय सेना में नारी शक्ति की तारीफ करते हुए कहा, 'मेरे लिए इस दौरे पर सबसे अहम चीज भारतीय सेना में नारी शक्ति का प्रदर्शन देखना रहा. खास तौर से मुझे गार्ड ऑफ ऑनर का नेतृत्व करने वाली अधिकारी भी. अमेरिका में आज भी हम महिलाओं के समान अधिकारों और उनके प्रति समान व्यवहार के लिए काम कर रहे हैं.'
अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत और अमेरिका के बीच कई समानताएं बताते हुए कहा कि ये दोनों देशों को करीब लाती हैं. उन्होंने कहा, 'मेरे पिता केन्या में ब्रिटिश आर्मी में कुक हुआ करते थे. जब हम पैदा हुए थे तो मेरे जैसे दिखने वाले लोग कई हिस्सों में वोट भी नहीं कर सकते थे. लेकिन हम ऐसे देशों से हैं जहां कुक का पोता राष्ट्रपति बन सकता है और एक चायवाले का बेटा भी प्रधानमंत्री बन सकता है.'
अपने प्रभावी वक्तव्यों के लिए मशहूर ओबामा ने भारतीय मेहमाननवाजी की भी खूब तारीफ की. उन्होंने बीच-बीच में अपने सेंस ऑफ ह्यूमर का भी खूब इस्तेमाल किया. उन्होंने कहा, 'भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने वाला पहला अमेरिकी राष्ट्रपति बनना मेरे लिए गर्व की बात है. पिछली बार हम भारत आए थे तो हमने मुंबई में बच्चों के साथ डांस किया था और रोशनी का त्योहार (दीवाली) मनाया था. लेकिन दुर्भाग्य से इस बार हम बच्चों के साथ डांस नहीं कर सके. हमें भारत में दोबारा बुलाने के लिए 'बहुत धन्यवाद'.
भाषण के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने वहां मौजूद लोगों से मुलाकात की. इस कार्यक्रम में ओबामा के साथ शांति के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी भी मौजूद थे. अमेरिकी राष्ट्रपति ने यहां तीन स्पेशल बच्चों से भी मुलाकात की, जिन्हें बाल मजदूरी से सत्यार्थी की संस्था 'बचपन बचाओ' ने छुड़ाया था.
इन बच्चों से मिले ओबामा
पायल, 14 वर्ष: पायल ने इस उम्र में शादी करने से मना कर दिया. अब वह बाल सरपंच हैं और अब अपने गांव में बाल विवाह को खत्म करने के अभियान की अगुवाई कर रही हैं.
अयूब खान, 12 वर्ष: हालात से मजबूर अयूब से जबरदस्ती एक बटन बनाने की फैक्ट्री में काम करवाया गया. सत्यार्थी की संस्था ने उसे इस नरक से आजाद कराया.
दीपक, 8 साल: दीपक भी एक बाल मजदूर था. एक खेत में काम करते हुए उसकी उंगली थ्रेशर की चपेट में आ गई.
Prez Obama shares a moment with the audience following his thanking note #ObamaInIndia pic.twitter.com/ccjoa4M1Z9
— ANI (@ANI_news) January 27, 2015
गौरतलब है कि साल 2009 में बराक ओबामा को भी शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. हालांकि ओबामा रविवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की ओर से दिए गए भोज के दौरान ही कैलाश सत्यार्थी से मिल चुके हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा अपनी पत्नी मिशेल ओबामा के साथ दोपहर डेढ़ बजे इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से एयरफोर्स वन में सवार होकर सउदी अरब के लिए रवाना होंगे.
'मन की बात' का डबल धमाका
मंगलवार रात 8 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा एक साथ मिलकर रेडियो पर 'मन की बात' करेंगे. इस कार्यक्रम की रिकॉर्डिंग पहले ही हो चुकी है, मंगलवार को इसका प्रसारण किया जाना है. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रेडियो के माध्यम से देशवासियों के साथ 'मन की बात' करते हैं.
चार अरब डॉलर का निवेश
इससे पहले सोमवार की शाम अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने देश में चार अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की. इसके साथ ही भारत और अमेरिका के बीच व्यापार का लंबा फासला तय करने का रास्ता खुल गया है.
राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को अमेरिका-भारत व्यापार सम्मेलन को संबोधित करते हुए ओबामा ने कहा, 'अगले दो सालों में हमारा आयात निर्यात बैंक (ईएक्सआईएम) भारत को एक अरब डॉलर का अमेरिका में बनी वस्तुओं के आयात का समर्थन करेगा. यह भारत भर में लघु और मध्यम आकार के व्यापार को एक अरब डॉलर से ज्यादा राशि का कर्ज देगा. और हमारी अमेरिकी व्यापार और विकास एजेंसी भारत में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में लगभग दो अरब डॉलर का निवेश करेगी.'
अन्य कदमों की चर्चा करते हुए ओबामा ने कहा कि अमेरिका भारत को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी और बेहतर सड़कों के निर्माण में सहायता के लिए तैयार है.
उन्होंने कहा, 'हमें इस बात को सुनिश्चित करने की जरूरत है कि भारत और अमेरिका का आर्थिक विकास समावेशी हो. प्रवासी निवेश पहल भी भारत के लिए मददगार होगा.'
ओबामा ने कहा, 'भारत को अमेरिकी निर्यात लगभग 35 फीसदी है. हमारे देश में भी भारतीय निवेश में बढ़ोतरी हो रही है. भारतीय निवेश से अमेरिका में रोजगारों का सृजन हो रहा है. हमारे बीच प्रगाढ़ होते व्यापार संबंध भी भारत के लिए शुभ संकेत है. संबंधों से दोनों देशों के कामगार लाभान्वित हो रहे हैं.'
इससे पहले समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राज्य को ऐसी नीतियों से संचालित होना चाहिए, जो अधिक निवेश आकर्षित कर सकें. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के छह महीने के कार्यकाल के दौरान ही अमेरिकी निवेश में 50 फीसदी का उछाल आया है.
मोदी ने यहां आयोजित अमेरिका-भारत बिजनेस समिट में कहा, 'राज्य नीति संचालित होना चाहिए. इससे निवेश में मदद मिलेगी. देश में निवेश लाने के लिए स्थिरता एक अन्य बहुत महत्वपूर्ण पक्ष है. इनसे कई समस्याएं सुलझ जाएंगी.'
मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ इस शिखर सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि अधोसंरचना और कृषि में भारी निवेश से अर्थव्यवस्था में सुधार होगा.
उन्होंने कहा, 'हम सही रास्ते पर हैं. आर्थिक विकास में वृद्धि दर्ज की गई है. दुनिया के प्रमुख देशों के मुकाबले भारत में व्यापार का माहौल सर्वोच्च स्तर पर है. उपभोक्ता माहौल तीन साल के बाद सकारात्मक दर्ज किया गया है.'
मोदी ने कहा, 'अर्थव्यवस्था के आठ प्रमुख सेक्टरों का विकास तेजी से बढ़ा है. महंगाई पांच साल के निचले स्तर पर है. पिछले चार महीनों में 11 करोड़ बैंक खाते खोले गए हैं. मेरी सरकार के छह माह के कार्यकाल में ही अमेरिकी निवेश 50 फीसदी बढ़ा है.'
बौद्धिक संपदा अधिकार का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को सभी पक्षों को मिलकर हल करना होगा. उन्होंने कहा, 'हमने एक कार्यकारी समूह गठित किया है जो इस मुद्दे पर चर्चा करेगा.' ओबामा की ओर रुख करते हुए मोदी ने कहा कि अब इनके सहयोग से 'हम अपनी प्रतिबद्धताओं को ठोस भविष्य में बदलेंगे.'