पाकिस्तान और अफगानिस्तान के लिए अमेरिका के विशेष दूत हॉलब्रुक अगले हफ्ते पाकिस्तान आ रहे हैं. पाकिस्तान के सरहदी इलाके खासकर स्वात घाटी में तालिबान की बढ़ती ताकत और उसके बावजूद पाकिस्तान के लापरवाह रवैये ने अमेरिका को मजबूर कर दिया है कि वो पाकिस्तान पर अपना शिकंजा और कसे.
इसी मकसद को पुख्ता करने के लिए हॉलब्रुक ये दौरा करने वाले है. इस दौरे में ही हॉलब्रुक पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सरजमीं पर अमेरिका की आगे की कार्रवाई का खाका भी तैयार करेंगे.
अमेरिका ने अलकायदा और तालिबान का पूरी तरह सफाया करने को तय कर लिया है. हालांकि ओबामा ने राष्ट्रपति बनते ही इसकी बानगी भी दे दी थी. पाकिस्तान के सरहदी इलाके में तालिबानी ठिकानों पर दनादन दागी जाने लगी थीं मिसाइलें.
इतना ही नहीं पाकिस्तान को मिलने वाली असैनिक सहायता में सीधे 55 मिलियन डॉलर की कटौती कर अमेरिका ने ये भी साफ कर दिया था कि उसने पाकिस्तान का घर चलाने का ठेका नहीं लिया है. जाहिर है पाक सरकार इस कार्रवाई से बौखलाई हुई है और जगह-जगह अमेरिका को गीदड़ भभकियां देती फिर रही है.
लेकिन, अमेरिका ने भी ठान लिया है कि उसे इन सब से कोई फर्क नहीं पड़ता. वो चाहता है तो तालिबान और अलकायदा के ठिकानों का खात्मा. मतलब पाकिस्तान के लिए संदेश साफ था या तो तालिबान का सफाया करो या फिर ये काम हमें करने दो.