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GDP बढ़ाने के लिए स्मृति ईरानी ने दिया नायाब फंडा

केंद्रीय विद्यालयों में जर्मन भाषा को हटाकर संस्कृत पढ़ाए जाने की बात कहकर विवाद छेड़ने वाली मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा है कि स्थानीय भाषाओं का भरपूर प्रयोग होगा तो देश की जीडीपी में भी बढ़ोतरी भी होगी.

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smriti irani
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केंद्रीय विद्यालयों में जर्मन भाषा को हटाकर संस्कृत पढ़ाए जाने की बात कहकर विवाद छेड़ने वाली मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने अब स्थानीय भाषाओं के प्रयोग पर जोर देने की बात कही है. उन्‍होंने सुझाव दिया है कि वैज्ञानिक शब्‍दावली का भी स्‍थानीय भाषाओं में अनुवाद किया जाना चाहिए.

ईरानी ने यह बात 'वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस' की शिक्षा के विषय पर आयोजित कॉन्फ्रेंस में कही. उन्होंने दावा किया है कि स्थानीय भाषाओं का भरपूर प्रयोग होगा तो देश की जीडीपी में भी बढ़ोतरी भी होगी.

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स्मृति ईरानी ने कार्यक्रम के दौरान मीडिया पर कटाक्ष करते हुए कहा, 'मैं जब भी इतिहास की बात करती हूं तब प्रेस वाले सुर्खियां बनाते हैं, लेकिन इतिहास की सभी बातें खराब नहीं हैं. प्राचीन काल में भारत के पास वैज्ञानिक दृष्टि और समृद्ध ज्ञान था. हमें अपनी विरासत के प्रचार-प्रसार के तरीके खोजने होंगे.'

स्मृति ईरानी ने एक मल्टीनेशनल सॉफ्टवेयर कंपनी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि जब स्थानीय भाषाओं में लेखन और पठन-पाठन होता है तब देश की जीडीपी में इजाफा होता है. उन्‍होंने कहा, 'साइंटिस्ट माधवन नायर ने मुझे बताया था कि वैज्ञानिक शब्‍दावली का लोकल भाषाओं में अनुवाद होना चाहिए. रोजाना कुछ नए शब्‍द आते हैं, इन शब्दों को स्‍थानीय भाषा में आत्‍मसात किया जाना जरूरी है.'

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