बीजेपी ने उपराष्ट्रपति पद के लिए केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू के नाम पर अंतिम मुहर लगा दी है. लेकिन आज से ठीक डेढ़ महीने पहले जब उपराष्ट्रपति चुनाव की सुगबुागाहट हुई थी तो नायडू का नाम उछला था, उस वक्त नायडू ने अपने ही अंदाज में खबर को सिरे से खारिज कर दिया था.
अगर तारीख की बात की जाए तो, 31 मई को जब नायडू से उप-राष्ट्रपति उम्मीदवारी को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा था कि वह ना तो राष्ट्रपति बनना चाहते हैं, और ना ही उपराष्ट्रपति वह ऊषा के पति होकर ही खुश हैं. उस वक्त नायडू ने अपने चिर-परिचित अंदाज में उम्मीदवारी को खारिज कर दिया था.
दरअसल, ऊषा वेंकैया की पत्नी का नाम है और नायडू ने अपनी पत्नी के नाम का उदाहरण देकर खबरों पर विराम लगा दिया था. तब नायडू के अलावा लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, नजमा हेपतुल्लाह और शरद यादव सहित कई अन्य नेताओं के नाम रेस में बताए जा रहे थे. हालांकि सोमवार को अपने नाम के ऐलान से ठीक पहले नायडू ने कहा था कि पार्टी अगर उन्हें नाम पर विचार करती है तो उन्हें पार्टी का फैसला मंजूर होगा.
यही नहीं, उस वक्त भी खबरों में वेंकैया नायडू के नाम पर दावा इसलिए किया जा रहा था कि बीजेपी दक्षिण में अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रही है, खासकर आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में. ऐसे में पार्टी नायडू पर दांव लगा सकती है. क्योंकि नायडू इन दोनों राज्यों में बीजेपी का एक बड़ा चेहरा हैं. जो भी हो, अब बीजेपी ने नायडू पर दांव लगाकार दक्षिण भारत के लोगों एक संदेश देने की कोशिश की है. अब उप-राष्ट्रपति चुनाव में नायडू का मुकाबला यूपीए के उम्मीदवार गोपाल कृष्ण गांधी से होगा.