रेलवे की तत्काल टिकट बुक करवाने में आईडी के तौर पर पैन नंबर का इस्तेमाल जोखिम भरा हो सकता है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इस बारे में रेलवे बोर्ड को एक चिट्ठी लिखकर अलर्ट किया है. रिजर्वेशन चार्ट में तत्काल टिकट वाले यात्री का पैन नंबर, नाम, सेक्स और उम्र दर्ज किया जाता है. यह रिजर्वेशन चार्ट सार्वजनिक जगहों पर लगता है. विभाग के मुताबिक ऐसे में कोई भी व्यक्ति अपने बेनामी ट्रांजेक्शन में इसका इस्तेमाल कर सकता है.
चिट्ठी में कहा गया है कि इसका इस्तेमाल ज्वैलर्स की दुकान में अधिक हो सकता है. पांच लाख रुपये से अधिक के गहने खरीदने में व्यक्ति इस फर्जी पैन नंबर को दे सकता है. साथ ही बैंक में 50 हजार से अधिक की रकम जमा कराने में भी इस पैन नंबर का इस्तेमाल किया जा सकता है. इस तरह रेल टिकट बनवाने वाला व्यक्ति बिना किसी वजह के इनकम टैक्स के शक के दायरे में आ जाएगा.
विभाग ने रेलवे को चिट्ठी भेजने के साथ ही लोगों से भी अपील की है कि वह रेलवे की ओर से मांगे जाने वाले अन्य पहचान पत्रों का इस्तेमाल करें.
तत्काल की बुकिंग में इन्हें पहचान पत्र के तौर पर किया जाता है इस्तेमाल
आधार कार्ड, वोटर कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, क्रेडिट कार्ड (फोटोग्राफ सहित), किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक का पासबुक, स्टूडेंट आईडी कार्ड, किसी भी केंद्रीय और राज्य सरकार की ओर से जारी पहचान पत्र, पब्लिक सेक्टर कंपनी की ओर से सीरियल नंबर वाले पहचान पत्र.
रेलवे ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की इस चिट्ठी की पुष्टि की है. उत्तरी रेलवे के सीपीआरओ नीरज शर्मा का कहना है, 'इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से इस बारे में रेलवे बोर्ड को चिट्ठी जारी की गई है. इस पर रेलवे बोर्ड में विचार शुरू हुआ है. यदि इस संबंध में कोई निर्णय होगा तो पैन कार्ड को तत्काल पहचान पत्र को हटाया जा सकता है.