उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को लेकर बड़ा दिया है. सूबे के महोबा में अखिलेश ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष का प्रधानमंत्री बनना, ये समय तय करेगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ समाजवादी पार्टी की दोस्ती 2019 के लोकसभा चुनाव तक जारी रहेगी. कर्नाटक के घटनाक्रम पर अखिलेश ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की वजह से देश में लोकतंत्र में बचा है.
बता दें कि कर्नाटक चुनाव प्रचार में एक सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि अगर 2019 में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरती है, तो वो प्रधानमंत्री बनने से पीछे नहीं हटेंगे. राहुल के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में बहस तेज हो गई, यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राहुल गांधी पर निशाना साधा.
इससे पहले शनिवार को अखिलेश यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी का कांग्रेस के साथ अभी कोई गठबंधन नहीं हुआ है. अखिलेश ने खजुराहो में कहा कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ने का अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है.
हालांकि, उन्होंने गठबंधन की संभावनाओं से इनकार भी नहीं किया है. उन्होंने कहा, ‘‘हम चुनाव से पहले अपने संगठन को विस्तार और मजबूती देने का काम कर रहे हैं. हम इस प्रदेश में लम्बे समय तक काम करने और रिश्ता जोड़ने आये हैं.’’
उन्होंने कर्नाटक के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि शीर्ष न्यायालय ने लोकतंत्र को बचाने का काम किया है, वरना ये लोग (भाजपा) सौ-सौ करोड़ रूपये में विधायक खरीदने में जुटे हुए थे.
साथ ही, उन्होंने भाजपा को नसीहत भी दी की भगवा पार्टी ने देश में जहां कहीं इस तरह से सरकार बनाई है, तो उसे ईमानदारी दिखाते हुए और लोकतंत्र की रक्षा के लिए तथा खुद को असली राष्ट्र भक्त साबित करने के लिए इस्तीफा दे देना चाहिए. मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़कों की हालत बदतर है.
कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा के कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिये जाने के बाद अखिलेश ने ट्वीट कर कहा, ''आज का दिन भारतीय राजनीति में धनबल की जगह जनमत की जीत का दिन है.''
उन्होंने कहा, ''सबको खरीद लेने का दावा करने वालों को आज ये सबक मिल गया है कि अभी भी भारत की राजनीति में ऐसे लोग बचे हुए हैं, जो उनकी तरह राजनीति को कारोबार नहीं मानते हैं.'' अखिलेश ने कहा कि नैतिक रूप से तो केंद्र की सरकार को भी इस्तीफ़ा दे देना चाहिए.