दिल्ली से सटे गाजियाबाद में रविवार को पांच मंजिला निर्माणाधीन इमारत गिर गई है. इसमें आठ साल के एक बच्चा समेत दो लोगों की मौत हो गई, जबकि छह लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. इस बच्चे को पहले मलबे से निकाल लिया गया था, लेकिन बाद में उसकी मौत हो गई. इमारत में कई मजदूरों के दबे होने की भी आशंका जताई जा रही है.
बताया जा रहा है कि प्रसन्नजीत गौतम नाम के शख्स की ज़मीन है. बिल्डर मनीष गोयल नाम का शख्स है. दोनों ही अभी पुलिस की पंहुच से दूर हैं. इन दोनों के परिवार वालों को पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है.
मामले की जांच मेरठ के आईजी राम कुमार को सौंपी गई है. कुमार ने बताया कि इमारत के निर्माण से जुड़े लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. हादसे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद के एसएसपी को सख्त कार्रवाई करने को कहा है. सीएम की सख्ती के बाद दोषियों की गिरफ्तारी को पुलिस की चार टीमों का गठन कर दिया गया है.
According to documents this land belonged to a builder. We have identified four persons related to that & are in the process of taking them into custody: Ram Kumar, IG Meerut #GhaziabadBuildingCollapse pic.twitter.com/qZDBg2QAxx
— ANI UP (@ANINewsUP) July 22, 2018
इसके साथ ही गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के अजीत कुमार की शिकायत पर केस दर्ज किया गया है. मामले में पुलिस ने आईपीसी की धारा 304, 308, 337, 338, 427 और 288 के तहत किशन पाल तोमर, मुकश और दिनेश समेत अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.
बता दें कि पांच दिन पहले ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी में दो इमारतें भरभराकर गिर गईं थी, जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई थी. बताया जा रहा है कि इस इमारत में चार लोग हिस्सेदार हैं.
4 teams are working on the collapse site ,it's a congested area but we have portable equipment which helped us.Possibilities are that 3 more people are inside,our aim is to complete the rescue soon and if it stretches till night we're prepared for that too: Sanjay Kumar DG, NDRF pic.twitter.com/7ZEcDhDXsd— ANI UP (@ANINewsUP) July 22, 2018
इमारत गाजियाबाद के गोविंदपुरम के पास अकाशनगर में गिरी है. पुलिस और NDRF की टीम राहत और बचाव कार्य में जुट गई हैं. हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई है. एक महिला और उसके बच्चे की हालत गंभीर बताई जा रही है. दोनों को दिल्ली के जीटीबी हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया गया है. अभी तक मलबे से सात लोगों को निकाला गया है.
वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद के जिलाधिकारी और एसएसपी को घटनास्थल का दौरा करने का निर्देश दिया. उन्होंने एनडीआरएफ के साथ बचाव अभियान में जुटने, एफआईआर दर्ज करने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया.
एक चश्मदीद के मुताबिक इमारत में दरार पड़ रही थी. एसएसपी गाजियाबाद वैभव कृष्ण ने 'आज तक' से कहा कि मामले में FIR दर्ज होगी. उन्होंने कहा कि मलबे में अभी और लोग दबे हो सकते हैं. जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई होगी.
गाजियाबाद की जिलाधिकारी ऋतू माहेश्वरी ने मृतक को दो लाख और घायलों को 50-50 हजार देने को कहा है. हादसे में जो लोग घायल हुए हैं उनके नाम- गीता, राजकुमार, गुलाब रानी और मुन्ना हैं. वहीं मृतक का नाम राहुल है.
आईजी लॉ एंड ऑर्डर ने कहा कि जैसे ही हमें इमारत गिरने की जानकारी मिली, वैसे ही पुलिस मौके पर पहुंची. राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहा है. हमने 7 लोगों को बचाया है, जिसमें 1 की मौत हो गई और 6 लोग अस्पताल में हैं. जिनका इलाज चल रहा है. जैसे ही बचाव कार्य पूरा होगा, हम मामले की जांच करेंगे और जो भी जिम्मेदार होगा उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे.
कभी भी गिर सकती है ग्रेटर नोएडा की 13 मंजिला इमारत
ग्रेटर नोएडा के पॉश सेक्टर बीटा-2 में नई बिल्डिंग बनाने के लिए की गई गहरी खुदाई और उसमें जमे पानी की वजह से पास की 13 मंजिला बिल्डिंग पर खतरा मंडराने लगा है. बिल्डिंग की दीवार में दरार आ गई हैं. 13 मंजिला बिल्डिंग कभी भी गिर सकती है.
बारिश के पानी और बिल्डर की मनमानी से 180 परिवारों की जिंदगी को खतरे में डाल दिया है. ग्रेटर नोएडा के सेक्टर बीटा-2 की स्पार्क डिवाइन में रहनेवाले लोगों की नींद सोसाइटी के ठीक बगल में खोदे गए 25 फीट गहरे गड्ढे के कारण गायब हो गई है. ऐसे में यहां के 20 परिवार अपना फ्लैट खाली कर सुरक्षित जगहों पर चले गए हैं.
बता दें कि गड्ढे से ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी का दफ्तर महज 500 मीटर की दूरी पर है. थाना और भी पास है, लेकिन किसी ने भी इस बड़े खतरे और खुदाई की ओर ध्यान नहीं दिया. हालांकि, लोगों के विरोध के बाद ग्रेटर नोएडा प्रशासन एक्शन में आया है. पानी को निकालने के लिए पंप लाया गया. गड्ढे को भरने का काम भी शुरू हो गया. लेकिन, सवाल उठता है कि ग्रेटर नोएडा प्रशासन को ये गड्ढा और इससे पैदा होनेवाला खतरा पहले क्यों नहीं दिखा.