उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर दौरे के दूसरे दिन शुक्रवार को जनता दरबार में आए एक सिख शिकायतकर्ता के साथ हुई बदसलूकी पर सुरक्षाकर्मियों को फटकार लगाई.
मुख्यमंत्री योगी जनता दरबार में पीड़ितों की फरियाद सुन रहे थे. इसी दौरान धर्मशाला बाजार निवासी सरदार तेजपाल सिंह भी उसने मिलने के लिए आए थे, लेकिन जनता दरबार के बाहर खड़े सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक लिया और तलाशी के दौरान उन्हें कृपाण निकालने के लिए कहा. सरदार तेजपाल सिंह ने जब विरोध जताया, तब सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया.
तेजपाल सिंह ने सोचा कि कृपाण निकाल देने से काम चल जाएगा और उन्होंने मन मारकर कृपाण निकाल दिया और अंदर जाने लगे, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें फिर रोक दिया और पगड़ी उतारकर जांच कराने को कहा. पगड़ी उतारने का हुक्म तेजपाल को बर्दाश्त नहीं हुआ. उन्होंने कड़ा विरोध जताया, तब कतार में लगने दिया गया.
योगी के सेवकों ने दी चेतावनी
जब मुख्यमंत्री से मिलने की बारी आई, तब सरदार तेजपाल ने उनसे सुरक्षाकर्मियों द्वारा किए गए दुर्व्यवहार की शिकायत की. योगी ने मामले को गंभीरता से लिया और अपने 'सेवकों' से उन्हें चेतावनी देने और समझाने को कहा.
मुख्यमंत्री से मिलकर आने के बाद भावुक हुए तेजपाल सिंह ने कहा कि देश में सिखों के साथ इस तरह की घटना, वह भी गोरखनाथ मंदिर परिसर में होना काफी कष्टदायक है.
कई पुश्तों से मंदिर आ रहा परिवार
उन्होंने बताया कि उनका परिवार कई पुश्तों से मंदिर में आ रहा है. वह भी योगी आदित्यनाथ के सांसद रहने के दौरान अक्सर ही मिलने आते थे, लेकिन पहले कभी ऐसा नहीं हुआ जो शुक्रवार को हुआ.
तेजपाल सिंह ने कहा, 'कभी सोचा नहीं था कि अपने ही शहर में मुझे पगड़ी उतारने के लिए कहा जाएगा. मुख्यमंत्री के सुरक्षाकर्मियों को इतना भी पता नहीं है कि संविधान में सिखों को कृपाण रखने और पगड़ी पहनने का अधिकार दिया गया है.'