देश में सबसे ज्यादा आबादी वाला राज्य उत्तर प्रदेश फर्जी पुलिस मुठभेड़ के मामले में अन्य राज्यों के मुकाबले मीलों आगे है. इस तथ्य का खुलासा मंगलवार को लोकसभा में गृह राज्य मंत्री अजय माकन द्वारा एम तम्बिदुरई और राधा मोहन सिंह के प्रश्न के लिखित उत्तर में दिये गये आंकड़े से हुआ.
माकन ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के हवाले से दर्ज फर्जी मुठभेड़ के मामलों का ब्यौरा देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश में वर्ष 2006-07 में 82, 2007-08 में 48, 2008-09 में 41 और वर्ष 2009-10 में 22 जुलाई तक 11 फर्जी मुठभेड़ के मामले दर्ज किये गये हैं. उन्होंने बताया कि इस साल 22 जुलाई तक की अवधि में उत्तर प्रदेश के बाद फर्जी मुठभेड़ के सबसे ज्यादा छह मामले उत्तराखंड और उसके बाद चार मणिपुर में दर्ज किये हैं.
माकन ने जो ब्यौरा दिया उसके अनुसार वर्ष 2008-09 में उत्तर प्रदेश के बाद फर्जी मुठभेड़ के सबसे ज्यादा 16-16 मामले क्रमश: पंजाब और मणिपुर में दर्ज किये गये. फर्जी मुठभेड़ के मामलों में आरोपित पुलिसकर्मियों और उनकी दोष सिद्धि का ब्यौरा देते हुए उन्होंने बताया कि वर्ष 2007 में 16 पुलिसकर्मियों पर आरोपपत्र दाखिल किया गया जिनमें से अब तक कोई दोषी साबित नहीं हुआ है जबकि 2006 में जिन सात पर आरोपपत्र दाखिल किया गया उनके मामले में भी यही नतीजा है.