एक तरफ उत्तराखंड में बारिश और बाढ़ से हजारों लोगों की जिंदगी बर्बाद हो गई है. यहां मृतकों की संख्या 10 हजार पार होने की आशंका व्यक्त की जा रही है तो दूसरी तरफ असम में बाढ़ की स्थिति रविवार को और बिगड़ गई. तीन जिलों के 43 और गांव बाढ़ के पानी में डूब गए हैं. वहीं, पानी काजीरंगा नेशनल पार्क में भी घुस गया जिसमें एक हिरण मर गया.
अधिकारियों ने बताया कि असम में सात जिलों के तकरीबन 65 हजार लोग प्रभावित हुए हैं. ये सात जिले हैं धेमाजी, तिनसुकिया, गोलाघाट, जोरहाट, कामरूप, करीमगंज और लखीमपुर. हालांकि, किसी के हताहत होने का समाचार नहीं है.
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियां जिया भराली और दिखाउ जोरहाट, सोणितपुर और शिवसागर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
शनिवार से धेमाजी, जोरहाट और शिवसागर जिलों में कुल 43 गांव बाढ़ के पानी की जद में आ गए हैं. इसमें तकरीबन पांच हजार लोग प्रभावित हुए हैं. तकरीबन 800 लोग धेमाजी में तीन राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं.
एएसडीएमए के रिकॉर्ड के अनुसार तकरीबन 2400 हेक्टेयर कृषि भूमि इन प्रभावित जिलों में पानी में डूब गई है. इस भूमि में लगी खड़ी फसलें भी पानी में डूब गई हैं. जहां राज्य के विभिन्न हिस्सों से भारी बारिश का समाचार मिला है, वहीं धेमाजी में खालीहमारी बुटिकुर मार्ग पर कटाव देखा गया.
गंभीर बाढ़ के कारण ज्यादातर सड़कें और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना प्रभावित हुई है. सूत्रों ने बताया कि तिनसुकिया जिले के सादिया उपसंभाग में एक पुल बह गया है. गोलाघाट में पुल के अतिरिक्त छह सड़कें भी बह गई हैं. करीमगंज में दो स्थानों पर तटबंधों में दरार पैदा हो गयी है.
एएसडीएमए ने कहा कि माजुली के 15 गांवों में लोग निर्जन स्थान पर फंस गए हैं. माजुली दुनिया का सबसे बड़ा नदी द्वीप है. इस बीच, एक हिरण मर गया और एक अन्य घायल हो गया जब वे एक हाईलैंड पर जाने का प्रयास कर रहे थे, तभी काजीरंगा नेशनल पार्क (केएनपी) के बुरापहाड़ और बागोरी क्षेत्र से पानी आ गया.
दो पशु शनिवार रात तेज गति से आ रहे वाहन की चपेट में आ गए जब वे पार्क से लगे राष्ट्रीय राजमार्ग 37 को पार कर रहे थे. घायल हिरण को वन्यजीव पुनर्वास एवं संरक्षण केंद्र में भेजा गया है.