क्या उत्तराखंड में होने वाली तबाही को कम किया जा सकता है. उत्तराखंड मौसम विभाग के मुताबिक उन्होंने भारी बारिश की आशंका के बाद राज्य सरकार को चार धाम यात्रा रोकने की सलाह दी थी लेकिन राज्य सरकार ने कोई ध्य़ान नहीं दिया.
मौसम विभाग के मुताबिक 14, 15 और 16 जून को भारी की चेतावनी जारी की गई थी. यहां तक की 15 जून को रुद्रप्रयाग के डीएम और आईटीबीपी को भी अगले 72 घंटे में बारी बारिश के बारे में आशंका जाहिर की थी.
मौसम विभाग के आरोप पर उत्तराखंड सरकार ने सफाई दी है. उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन मंत्री यशपाल आर्या के मुताबिक राज्य सरकार ने मौसम विभाग की चेतावनी को नजरअंदाज नहीं किया. सरकार ने भारी बारिश से बचने के हरसंभव इंतजाम किए थे लेकिन सरकार को इतनी जबरदस्त बारिश और लैंडस्लाइड का अंदाजा नहीं था. यशपाल आर्या ने कुदरत के आगे अपनी बेबसी भी जाहिर की.
मौसम विभाग की चेतावनी की खबर आने के बाद बीजेपी ने भी उत्तराखंड सरकार पर निशाना साधा है. बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बीजेपी आपदा पर राजनीति नहीं करना चाहती है. उनके मुताबिक अगर राज्य और केंद्र सरकार ने चेतावनी पर ध्यान दिया होता तो इतनी बड़ी त्रासदी से बचा जा सकता था.
उत्तराखंड में नेता प्रतिपक्ष अजट भट्ट ने भी राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. अजय भट्ट के मुताबिक केदारनाथ में 15 हजार से लोग मारे गए हैं. वहां शव सड़ गए हैं लेकिन सरकार आंकडे बताने से डर रही है. अजय भट्ट ने राज्य सरकार के रेस्क्यू ऑपरेशन और राहत सामग्री के वितरण पर भी सवाल खड़े किए हैं.