उत्तराखंड में गौरीकुंड के पास जिस जगह मंगलवार को बचाव अभियान के दौरान वायुसेना का एमआई-17 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था वहां से चार और शव बरामद किए गये हैं. उधर उत्तराखंड में मुश्किल मौसम के बावजूद बचाव अभियान में जुटे पायलटों की हौसला अफजाई करने के लिए वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एन ए के ब्राउनी उत्तराखंड पहुंचे.
उन्होंने बताया कि वो यहां राहत कार्य में लगे जवानों का हौसला बढ़ाने पहुंचे हैं. उन्होंने कहा, 'आईटीबीपी के छह जवान यहां शहीद हुए हैं और मैं इसी वजह से यहां आया हूं कि जवानों को हौसला दिला सकूं कि इस दुर्घटना (हेलीकॉप्टर दुर्घटना) के बाद हमें रुकना नहीं है. पूरा देश हमें देख रहा है और हमसे उम्मीद की जा रही है यहां फंसे सभी नागरिकों को सुरक्षित निकाल सकें.'
ब्राउनी ने कहा, 'मैं समझता हूं कि हमें तीन-चार दिन और लगेंगे. मौसम साफ होने पर हम बाकी का कार्य पूरा कर सकेंगे.'
हेलीकॉप्टर दुर्घटनाः 20 शव बरामद
वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल एन.ए.के. ब्राउन ने कहा कि उत्तराखंड में भातीय वायुसेना (आईएएफ) के हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के कारण मारे गए सभी व्यक्तियों के शव बरामद कर लिए गए हैं. बुधवार सुबह उत्तराखंड के गोचर पहुंचे ब्राउन ने कहा, 'सभी 20 शव बरामद कर लिए गए हैं और हेलीकॉप्टर के कॉकपिट का वॉयस रिकॉर्डर भी मिल गया है.'
उन्होंने कहा, 'विमान के कॉकपिट के वॉयस रिकॉर्डर के विश्लेषण के बाद ही हम घटना के वास्तविक कारणों का पता लगा सकेंगे.' उन्होंने एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर दुर्घटना में वायुसेना, भारत-तिब्बतन सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल (एनडीआरएफ) के अधिकारियों के शहीद होने पर शोक संवेदना प्रकट की.
इन पहाड़ों के इलाके में एयर चीफ मार्शल ने कहा कि इस हेलीकॉप्टर दुर्घटना की काफी वजह हो सकती है. उन्होंने कहा कि पहाड़ों में खराब मौसम और तकनीकी कारण इनमें सबसे अहम हैं. उन्होंने बताया कि दुर्घटना के इलाके में मंगलवार की शाम को सेना ने अपने कमांडो उतारे हैं. और दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर का कॉकपिट वॉयस रिकार्डर और फ्लाइट डाटा रिकार्डर बरामद कर लिया गया है. उन्होंने उम्मीद जताई कि शुक्रवार के बाद मौसम में सुधार की उम्मीद के साथ ही उन्होंने कहा, राहत कार्य जल्द से जल्द खत्म करने की कोशिश की जाएगी.
गौरतलब है कि दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर में कुल 20 लोग सवार थे, जिनमें से किसी के बचने की संभावना नहीं है. वायुसेना के सूत्रों ने बताया कि कल रात भर चले तलाशी अभियान के दौरान कमांडो ने चार और शव बरामद किए गये हैं.
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि मंगलवार को हुए इस हादसे के बाद से बुधवार सुबह तक वहां 13 शव मिले हैं. उन्होंने बताया कि मरने वालों में से पांच वायुसेना के अधिकारी हैं, जबकि बाकियों की पहचान अभी तक नहीं हो पायी है.
सूत्रों ने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त हुए इस हेलीकॉप्टर में वायुसेना के पांच जवान, आईटीबीपी के छह और बाकी के लोग राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल (एनडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) से थे.
वायुसेना के एक प्रवक्ता के मुताबिक, एमआई-17 वी-5 हेलीकॉप्टर गोचर से गुप्तकाशी और केदारनाथ में जारी बचाव अभियान में जुटा था. गौरीकुंड के उत्तर में स्थित केदारनाथ से मंगलवार को दोपहर में लौटते समय यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. प्रवक्ता ने बताया कि इस हादसे के पीछे के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वाइरी का आदेश दे दिया गया है.
बहुगुणा ने किया मुआवजे का ऐलान
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने राज्य में वायुसेना के हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटना में लोगों के मारे जाने पर दुख जताते हुए सुरक्षा कर्मियों के परिजनों के लिए 10 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है. बहुगुणा ने कहा, ‘मुझे इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को लेकर गहरा दुख हुआ है. इसमें बाढ़ प्रभावित इलाकों में बचाव कार्य कर रहे सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं.’
उन्होंने साथ ही कहा, 'इस दुर्घटना में मारे गए सुरक्षा कर्मियों में जिसके बच्चे उत्तराखंड में रहकर पढ़ाई करेंगे उन्हें मुफ्त शिक्षा दी जाएगी.'
प्रधानमंत्री ने भी घटना पर जताया शोक
प्रधानमंत्री ने मंगलवार को कहा, ‘राहत अभियान के दौरान हुई यह दुर्घटना मेरे लिए एक बहुत बड़े आघात के समान है. इस दुर्घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिवार के प्रति मेरी संवेदना है. हजारों लोगों को बचाने के काम में निस्वार्थ भाव से जुटे हमारे इन नायकों की मौत पर मेरे साथ पूरा राष्ट्र शोकग्रस्त है.’
उन्होंने कहा, ‘हमारे बल उत्तराखंड में बचाव और राहत के काम में बहादुरी से जुटे हुए हैं. अपना यह काम जारी रखना उन लोगों के प्रति सबसे अच्छी श्रद्धांजलि होगी.’ इस हादसे में शहीद हुए वायुसेना कर्मियों में एक विंग कमांडर, दो फ्लाइट लेफ्टिनेंट, एक जूनियर वारंट अफसर और एक सार्जेंट शामिल हैं.