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वी के सिंह ने दलबीर सुहाग की पदोन्नति पर रोक के निर्णय को उचित ठहराया

रक्षा मंत्रालय द्वारा जनरल (अवकाश प्राप्त) वी के सिंह के सेना प्रमुख मनोनीत दलबीर सिंह सुहाग की पदोन्नति पर रोक लगाने के निर्णय को अवैध करार दिये जाने के बाद अब केंद्रीय मंत्री सिंह ने मंगलवार को अपने कदम को उचित ठहराया.

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विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह
विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह

रक्षा मंत्रालय द्वारा जनरल (अवकाश प्राप्त) वी के सिंह के सेना प्रमुख मनोनीत दलबीर सिंह सुहाग की पदोन्नति पर रोक लगाने के निर्णय को अवैध करार दिये जाने के बाद अब केंद्रीय मंत्री सिंह ने मंगलवार को अपने कदम को उचित ठहराया.

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सिंह ने ट्विटर पर लिखा, 'यदि कोई यूनिट बेगुनाहों की हत्या करती है, लूटपाट करती है और उसके बाद संगठन का प्रमुख उन्हें बचाने का प्रयास करता है, तो क्या उसे जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए? अपराधियों को खुला घूमने दिया जाए?'

 

 

रक्षा मंत्रालय ने लेफ्टिनेंट जनरल रवि दस्ताने से संबंधित पदोन्नति मामले में हाल में दायर एक हलफनामे में कहा है कि सुहाग के खिलाफ अनुशासनात्मक रोक के लिए जिन खामियों को आधार बनाया गया वे जानबूझकर, अस्पष्ट और अवैध थीं.

 

पूर्व सेना प्रमुख की यह टिप्पणी उस खबर की पृष्ठभूमि में आई है कि लेफ्टिनेंट जनरल दलबीर सुहाग के नेतृत्व वाली एक यूनिट ने कथित तौर पर पूर्वोत्तर क्षेत्र में हत्याएं और लूटपाट की थी.

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हलफनामे पर हमला बोलते हुए कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने वीके सिंह के त्यागपत्र की मांग की और कहा कि राजग सरकार का उप सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग की पदोन्नति पर उच्चतम न्यायालय में हलफनामा उनमें अविश्वास को अभिव्यक्त करता है.

वहीं वी के सिंह ने एक अन्य ट्वीट में सिंघवी पर हमला बोलते हुए ट्विटर पर लिखा, 'छाज तो बोले सो बोले वो छलनी क्या बोले जिसमें 1800 छेद हैं. इस बीच रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसने जनरल सिंह द्वारा सुहाग पर अनुशासनात्मक और सतर्कता प्रतिबंध लगाने से संबंधित इस मुद्दे पर अपने पूर्व के रूख का पालन किया है.

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