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भारतीय उच्चायोग को नहीं थी वैदिक और सईद की मुलाकात की जानकारी!

आतंकी हाफिज सईद और वेद प्रताप वैदिक की मुलाकात पर पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग ने भारत सरकार को रिपोर्ट भेज दी है. सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, उच्चायोग को इस मुलाकात की जानकारी नहीं थी और इस बारे में उसने सरकार को बता दिया है.

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Sushma Swaraj
Sushma Swaraj

आतंकी हाफिज सईद और वेद प्रताप वैदिक की मुलाकात पर पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग ने भारत सरकार को रिपोर्ट भेज दी है. सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, उच्चायोग को इस मुलाकात की जानकारी नहीं थी और इस बारे में उसने सरकार को बता दिया है. इससे पहले मंगलवार को केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में इस मुलाकात की निंदा की. उन्होंने बताया कि उच्चायोग से इस मामले पर रिपोर्ट मांगी गई है और उसे सदन से भी साझा किया जाएगा.

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गौरतलब है कि बाबा रामदेव के करीबी पत्रकार वेद प्रताप वैदिक ने पिछले दिनों पाकिस्तान दौरे पर आतंकी हाफिज सईद से मुलाकात की थी. तब से वह चौतरफा आलोचनाओं का केंद्र बने हुए हैं. संसद में भी दो दिनों से मामले पर हंगामा हो रहा है. हालांकि वैदिक का कहना है कि वह बतौर पत्रकार हाफिज सईद से मिले थे.

वैदिक ने हमें नहीं दी कोई सूचना: सरकार
इससे पहले सरकार ने वैदिक के पाकिस्तान दौरे से पल्ला झाड़ लिया. सरकार ने कहा कि पाकिस्तान यात्रा या सईद से मुलाकात का उसका दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है. बाद में दिए गए बयान में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि सरकार का पाकिस्तान में एक भारतीय पत्रकार की मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी हाफिज सईद से हाल में हुई मुलाकात से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा, वैदिक ने न तो पाकिस्तान जाने से पहले और न ही वहां जाकर हमें ऐसी कोई सूचना दी कि वह हाफिज सईद से मिलने वाले हैं. विदेश मंत्री ने कहा कि वैदिक की पाकिस्तान यात्रा और सईद से मुलाकात शुद्ध रूप से निजी और व्यक्तिगत थी. उन्होंने इस मुलाकात को भर्त्सना के काबिल भी बताया.

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यह वैदिक का राजनयिक दुस्साहस है: जेटली
सुषमा ने कहा कि ऐसे आरोप पूरी तरह झूठे और दुर्भाग्यपूर्ण हैं कि वैदिक ने किसी के दूत रूप में या भारत सरकार की इजाजत लेकर सईद से मुलाकात की. उन्होंने कहा, 'मैं इस बात को दोहराना चाहती हूं कि वैदिक की पाकिस्तान यात्रा या सईद से मुलाकात का भारत सरकार से कोई वास्ता नहीं है.' उधर, राज्यसभा में सदन के नेता और वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा, यह एक व्यक्ति का राजनयिक दुस्साहस है. भारत सरकार का इससे कोई लेना देना नहीं है. इस व्यक्ति (वैदिक) या इनके विचारों का न तो सरकार से और न ही पार्टी से कोई लेना देना है.

उनके इस बयान के बाद नारेबाजी कर रहे कांग्रेसी सदस्य आसन के सामने आ गए. जेटली ने कहा कि विपक्ष के नेता की चिंता पूरे देश की चिंता है. उन्होंने कहा, अगर पिछले 66 सालों में कोई एक पार्टी है जिसके जम्मू कश्मीर के बारे में बेहद मजबूत विचार हैं तो वह मेरी पार्टी है. इस मसले पर राज्यसभा की कार्यवाही तीन बार और लोकसभा की कार्यवाही एक बार स्थगित की गई. सुबह लोकसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे की अगुवाई में कांग्रेस सदस्यों ने यह मामला उठाया और सरकार से जवाब की मांग की.

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वैदिक को मत बचाओ: कांग्रेस
जब अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने स्पष्ट कर दिया कि प्रश्नकाल स्थगित नहीं किया जाएगा तो कांग्रेसी सदस्य आसन के समक्ष आकर 'वैदिक को मत बचाओ, हाफिज का सच बताओ' के नारे लगाने लगे. राज्यसभा में इस मुद्दे पर प्रश्नकाल में दो बार और शून्यकाल में एक बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जरूर सरकार में किसी न किसी ने इस मुलाकात में मदद की है. आजाद ने कहा, यह केवल हमारे लिए चिंता का विषय नहीं है बल्कि पूरे देश के लिए चिंता का मसला है. अगर वैदिक ने हाफिज से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कुछ कहा है तो हमने उसके खिलाफ क्या कार्रवाई की?

कश्मीर पर बयान पर विवाद
आजाद ने कहा कि वैदिक ने एक पाकिस्तानी टेलीविजन को दिए इंटरव्यू में यह भी कहा कि अगर वह प्रधानमंत्री होते तो सईद को बिना वीजा के कश्मीर में प्रवेश की इजाजत देते और यह भी कि वह कश्मीर की आजादी के समर्थक हैं और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और भारतीय कश्मीर को एक अलग राष्ट्र बनने के लिए एकजुट होना चाहिए. उन्होंने सदन के नेता से बयान की मांग करते हुए कहा, 'कश्मीर में कई संगठन हैं जिन्होंने इतना खुलकर ऐसी बात नहीं कही है. यहां तक कि उन्होंने भी नहीं जिन्हें हमने जेल भेजा है.' किसने करवाई सईद से मुलाकात?

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उच्च सदन की बैठक शुरू होते ही इस मुद्दे पर सपा और बीसपी सदस्य भी कांग्रेस के साथ आ गए. कांग्रेस के सत्यव्रत चतुर्वेदी ने कहा कि नए तथ्य सामने आए हैं और सरकार को देश को यह बताना चाहिए कि किसने वैदिक और सईद की मुलाकात कराई. अध्यक्ष हामिद अंसारी ने सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने की अपील की लेकिन विपक्षी सदस्य पत्रकार की गिरफ्तारी की मांग करते हुए नारेबाजी करते रहे. इस पर अध्यक्ष ने कार्यवाही 15 मिनट और उसके बाद दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी. स्वतंत्र पत्रकार वैदिक ने एक शांति शोध संस्थान के आमंत्रण पर पत्रकारों तथा राजनेताओं के एक समूह के अलावा पाकिस्तानी यात्रा के दौरान दो जुलाई को लाहौर में जमात उद दावा के प्रमुख हाफिज सईद से मुलाकात की थी.

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