scorecardresearch
 

भगवान से धोखा!नोटबंदी के बाद वैष्णो देवी पर चढ़े 2.3 करोड़ के पुराने नोट

जम्मू-कश्मीर के वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड से एक हैरान करने वाली जानकारी सामने आई है. हाल में जारी आंकड़ों से पता चला है कि नोटबंदी के बाद पिछले दो साल में भक्तों ने वैष्णों माता स्थान पर चढ़ावे के रूप में 2 करोड रुपये से ज्यादा मूल्य के 500 और 1000 के पुराने नोट चढ़ा दिए हैं.

Advertisement
X
मोदी सरकार ने किया था नोटबंदी का ऐलान (फाइल फाेटो: रायटर्स)
मोदी सरकार ने किया था नोटबंदी का ऐलान (फाइल फाेटो: रायटर्स)

Advertisement

वैष्णो देवी के दर्शन को गए बहुत से भक्तों की लीला हैरान करने वाली है. वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड को नोटबंदी के बाद करीब दो साल में 2.3 करोड़ रुपये मूल्य के पुराने 500 या 1000 के नोट दान में मिले हैं, जो बैन हो चुके हैं. नवंबर, 2016 में नोटबंदी के तत्काल बाद सिर्फ एक महीने में बहुत से भक्तों ने तीर्थस्थान पर 1.90 करोड़ रुपये के पुराने नोट चढ़ा दिए.

गौरतलब है कि पीएम मोदी ने 8 नवंबर, 2016 को नोटबंदी का ऐलान किया गया था, जिसके बाद 500 और हजार के सभी पुराने नोट अवैध मान लिए गए थे. हालांकि, हिंदुस्तान टाइम्स अखबार के मुताबिक, वैष्णो देवी दिसंबर, 2016 के बाद पुराने नोट चढ़ाने का आंकड़ा घटता गया और उसके बाद के करीब दो साल में अब तक 40 लाख रुपये के पुराने नोट चढ़ाए गए.

Advertisement

रिजर्व बैंक ने तो ऐसे पुराने नोटों पर नजर रखना काफी समय से बंद कर दिया है, लेकिन अब भी कई जगहों से या कई लोगों के पास ऐसे पुराने नोट मिलने की खबरें आ जाती हैं. जम्मू-कश्मीर में कटरा के पास स्थ‍ित वैष्णो देवी स्थान, आंध्र के तिरुमाला तिरुपति मंदिर के बाद देश का दूसरा सबसे धनी श्राइन बोर्ड है.

वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सीईओ सिमरदीप सिंह ने अखबार को बताया, 'वैष्णो देवी स्थान को मिलने वाले दान में किसी तरह की गिरावट नहीं है. यह अब भी उत्साहजनक है, लेकिन कुछ भक्त अब भी पुराने नोट चढ़ा रहे हैं.'

क्या होगा इन नोटों का  

सिंह ने बताया कि रिजर्व बैंक अब ऐसे पुराने नोट लेना बंद कर चुका है, तो बोर्ड खुद ही इन्हें उपयुक्त तरीके से नष्ट करने की योजना बना रहा है. वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के पास चढ़ावे के रूप में काफी नकदी आती है. साल 2018 में बोर्ड को चढ़ावे के रूप में 164 रुपये मिले, जो इसके पिछले साल के मुकाबले 10 करोड़ रुपये ज्यादा है.

(www.businesstoday.in से साभार)

Advertisement
Advertisement