वाणी प्रकाशवाणी फाउंडेशन की ओर से बाल साहित्य फेलोशिप के तहत प्रथम चित्रकला फेलोशिप मुंबई की लेखिका और चित्रकार लावण्या कार्तिक को दी गई. यह फेलोशिप कला और साहित्य के क्षेत्र में प्रोत्साहन के लिए दी जाती है.
लावण्या कार्तिक बाल साहित्य के अलावा विज्ञान से प्रेरित कहानियां भी लिखती हैं. लावण्या कार्तिक की बच्चों की किताब ‘क्या देखती है अनु?’ प्रकाशित हो चुकी है. यह किताब 11 भाषाओं में उपलब्ध है. लावण्या की एक पेंटिंग ‘एन्डेंज़र्ड एनिमल्स ऑफ इंडिया’ किताब से मई 2014 में सिंगापुर में आयोजित एशियन फेस्टिवल ऑफ चिल्ड्रंस कॉन्टेंट में प्रदर्शित हुई है.
लावण्या की कला पर उनकी बेटी का गहरा प्रभाव है. उनका मानना है कि एक बच्चे को बड़ा करना हमें फिर एक बार बच्चा बनने का मौका देता है. कथाकार होने के नाते उन्हें भारतीय होने पर गर्व है. लावण्या का मानना है कि हमारी जड़ें ही हमारी कला को आगे बढ़ाती हैं.