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धोती-कुर्ता पहन डिग्री लेंगे IIT-BHU के इंजीनियर

दीक्षांत समारोह की पहचान बन चुका काले रंग का लबादा (रोब) अब आईआईटी-बीएचयू में नहीं दिखायी देगा. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) परिसर में मौजूद इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी (आइआइटी) बुधवार 10 जुलाई को होने वाले दीक्षांत समारोह में एक नई शुरुआत करने जा रहा है.

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बनारस हिंदू विश्वविद्यालय
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय

दीक्षांत समारोह की पहचान बन चुका काले रंग का लबादा (रोब) अब आईआईटी-बीएचयू में नहीं दिखायी देगा. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) परिसर में मौजूद इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी (आइआइटी) बुधवार 10 जुलाई को होने वाले दीक्षांत समारोह में एक नई शुरुआत करने जा रहा है.

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आइआइटी प्रशासन ने दीक्षांत समारोह को पूरी तरह से इंडियन लुक देने के लिए डिग्री लेने वाले सभी छात्रों के लिए एक खास ड्रेस कोड तय किया है. इसके मुताबिक छात्र सफेद रंग की धोती या पायजामे के साथ क्रीम रंग का कुर्ता पहनेंगे. वहीं दूसरी ओर छात्राएं सफेद रंग की सलवार के साथ क्रीम रंग का कुर्ता पहनेंगी. यही नहीं आईआईटी प्रशासन डिग्री लेने वाले सभी छात्र-छात्राओं के लिए अंगवस्त्रम की भी व्यवस्था करेगा.

अंगवस्त्रम को ही आईआईटी-बीएचयू ने अपना नये लोगों में भी शामिल किया है. दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम हैं. 2009 में लखनऊ के अंबेडकर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में डॉ. कलाम ने दीक्षांत समारोहों में काला लबादा ओढक़र डिग्री लेने की परंपरा को गुलामी का प्रतीक बताया था.

आईआईटी-बीएचयू के निदेशक प्रो. राजीव सेंगल बताते हैं, ‘दीक्षांत समारोह में भारतीय संस्कृति की झलक दिखाने के लिए नया ड्रेस कोड लागू किया गया है. इससे छात्रों में यह संदेश भी जाएगा कि उनकी उपलब्धि चाहे कितनी ही बड़ी क्यों न हो, उन्हें अपनी संस्कृति का साथ नहीं छोडना चाहिए.

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