प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी शुक्रवार को पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी जा रहे हैं. वाराणसी के दो दिवसीय दौरे में प्रधानमंत्री को कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेना है. इस दौरान मोदी गंगा सफाई अभियान की शुरुआत कर सकते हैं, बुनकरों से मिलने का प्रोग्राम है, वाराणसी में विवेकानंद की मूर्ति का लोकार्पण करना है और उस गांव का दौरा भी करना है, जिसे उन्होंने गोद लिया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रण लिया था कि वो काशी का कर्ज चुकाएंगे. तब काशीवासियों को उम्मीद जगी थी कि वाराणसी की किस्मत पलटेगी, लेकिन काशी से पहले उससे 35 किलोमीटर दूर बसे एक गांव की किस्मत पलट गई. नरेंद्र मोदी ने इस गांव को गोद लिया है और अब 7 नवंबर को इस गांव में मोदी खुद पहुंचने वाले हैं.
पीएम मोदी के चुनावी क्षेत्र वाराणसी का जयापुर गांव कल तक अपनी किस्मत पर आंसू बहा रहा था, लेकिन गांव की किस्मत पलटी तो अब ये गांव अपनी खुशी पर इतरा रहा है. विकास की रफ्तार में पीछे छूटा गांव अचानक वीवीआईपी हो गया है. 7 नवंबर को प्रधानमंत्री यहां खुद आ रहे हैं, लिहाजा तैयारियां जोरों पर हैं. तीन-तीन तो हैलीपैड तैयार किए जा रहे हैं. प्रधानमंत्री के भाषण के लिए स्टेज तैयार किया जा रहा है. 200 मजदूर, एक जेसीबी मशीन, दो रोड रोलर काम पर लगे हैं.
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
पुलिस महानिरीक्षक (जन शिकायत) अशोक जैन के मुताबिक उत्तर प्रदेश के 12 पुलिस अधीक्षक रैंक के पुलिस अधिकारी, 18 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, 20 पुलिस उपाधीक्षक, 135 उप निरीक्षक और प्रोविंशियल आर्म्ड कांस्टेबुलरी के 1000 से अधिक कर्मी तैनात किए गए हैं. उत्तर प्रदेश पुलिस के अधिकारी और कर्मी प्रधानमंत्री की सुरक्षा में लगे विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) के साथ सहयोग करेंगे.
हालांकि प्रधानमंत्री के साथ कौन आ रहा है इसे लेकर अब तक कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है, लेकिन पुलिस महानिरीक्षक (विधि व्यवस्था) ए सतीश गणेश ने कहा कि मोदी के साथ ‘पांच से छह केंद्रीय मंत्रियों’ के आने की संभावना को ध्यान में रखते हुए व्यवस्थाएं की गई हैं.