काशी हिन्दू विश्वविद्यालय प्रशासन ने वाणिज्य संकाय में बीकाम (आनर्स) द्वितीय वर्ष के छात्र अजीत कुमार उपाध्याय के मानसिक व शारीरिक उत्पीड़न संबंधित मामले में आरोपित छात्रों को छात्रावास से निष्कासित करने के साथ कक्षा से भी निलंबित कर दिया है.
बीएचयू प्रकाशन एवं प्रचार प्रकोष्ठ के चेयरमैन प्रो. राजेश सिंह ने बताया कि कुलपति प्रो. डी पी सिंह की अध्यक्षता में रैगिंग निरोधक समिति की शुक्रवार को देर रात तक चली बैठक में प्रारंभिक जांच नतीजों पर विचार के बाद आरोपित सभी छह छात्रों को प्राथम दृष्टया दोषी माना गया.
इनमें दो छात्र रजत आनंद व राघव आलोक बीकाम के बाद बीएचयू कैम्पस छोड़ चुके हैं.
अन्य चार छोत्रों मोहित शुक्ल गिरिजेश तिवारी (बीकाम अंतिम वर्ष), अनुज लाल (एलएलबी प्रथम वर्ष) व आशीश गौतम (एमबीए) को कमेटी की जांच पूरी होने तक छात्रावास से निष्कासित करने के साथ क्लास करने से भी निलंबित कर दिया गया है. इसके अलावा उनके अन्य शैक्षणिक अधिकार भी निलंबित कर दिये गये है.
गोरतलब है कि अजीत की तहरीर पर लंका पुलिस ने गुरुवार को मध्यरात्रि के बाद बीएचयू के छात्रावासों में छापेमारी कर मोहित गिरिजेश अनुज व आशीष को गिरफ्तार किया था.
अजीत का आरोप था कि गत वर्ष 13 अक्टूबर को उपरोक्त छह छात्रों ने उसे भोगाबीर मोहल्ले के एक कमरे में ले जाकर पिटाई की एवं उसे निर्वस्त्र कर एमएमएस बनाने के बाद उसे सबके बीच बांटा.
साथ ही विवि प्रशासन से शिकायत पर उसे लगातार जान से मारने की धमकी देते रहे. हालांकि विवि प्रशासन द्वारा भी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं किये जाने पर उसे थाने में शिकायत करनी पड़ी.
फिलहाल छात्रों की गिरफ्तारी के बाद बीएचयू प्रशासन भी हरकत में आया और उसने मामले की जांच के लिए उच्चस्तरीय समिति गठित कर दी.
उक्त घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए वाणिज्य संकाय के डीन पो. विश्वम्भर झा ने कल शाम ही अपने पद से त्यागपत्र दे दिया. साथ ही डा. आईएन गुटरु छात्रावास के तत्कालीन प्रशासनिक संरक्षक प्रो. जीसीआर जायसवाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.