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देश में यहां नहीं है किसी को 'महंगाई' से मतलब!

महंगाई को लेकर देशभर में हाय-तौबा मची है. आमजन की चले तो आज ही पेट्रोल-डीजल 10 रुपये लीटर और फल-सब्जी 5 रुपये किलो की दर से मिलने लगे. गली-मुहल्ले से लेकर संसद तक महंगाई बड़ा मुद्दा है, लेकिन इस देश में एक जगह ऐसी भी है जहां महंगाई के दर्शन दुलर्भ हो गए हैं!

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Symbolic Image
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महंगाई को लेकर देशभर में हाय-तौबा मची है. आमजन की चले तो आज ही पेट्रोल-डीजल 10 रुपये लीटर और फल-सब्जी 5 रुपये किलो की दर से मिलने लगे. गली-मुहल्ले से लेकर संसद तक महंगाई बड़ा मुद्दा है, लेकिन इस देश में एक जगह ऐसी भी है जहां महंगाई के दर्शन दुलर्भ हो गए हैं!

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दरअसल, बात इंटरनेट की दुनिया की है और यहां बीते वर्षों के मुकाबले महंगाई यानी Inflation की-वर्ड सर्च करने वालों की संख्या कम होती जा रही है. खास बात यह है कि यह सब ऐसे समय हुआ है, जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में उतार-चढ़ाव हो रहा है और भारत में राजनीतिक पार्टियां महंगाई को मुद्दा बना रही हैं. गूगल इंडिया की ओर से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सिर्फ 2013 के अगस्त मध्य से लेकर अक्टूबर के मुकाबले 2014 में इंफ्लेशन सर्च करने में लोगों की दिलचस्पी कम हो गई है.

यूपी सबसे ऊपर
कंपनी ने इस बाबत एक चार्ट भी जारी किया गया है, जिसमें इस अंतर को साफ देखा जा सकता है. दिलचस्प बात यह भी है कि इंफ्लेशन सर्च करने वाले यूजर्स के मामले में उत्तर प्रदेश टॉप पर है, जिसके बाद महाराष्ट्र, दिल्ली, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और गुजरात का नंबर आता है. रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2010 में सबसे अधि‍क लोगों ने इंफ्लेशन को सर्च किया है, जिसके बाद इस ओर लगातार गिरावट दर्ज की गई है.

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