आंगनवाड़ियों में अंडा परोसने पर बैन लगाने के एवज में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पुरस्कार मिलने वाला है. जानवरों के हक के लिए काम करने वाली संस्था 'पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स' (पेटा) ने शिवराज को ‘प्रगतिशील पुरस्कार’ देने का ऐलान किया है.
पेटा की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को उनके फैसले पर मुबारकबाद. राज्य में क्रूर और कॉलेस्ट्रोल वाले अंडों के बिना आंगनवाड़ी आहार जारी रहेंगे. एक संवेदनासूचक और स्वस्थ फैसला, जिसकी बदौलत पेटा इंडिया की ओर से मुख्यमंत्री ने पाया प्रगतिशील अवॉर्ड.’
इस पुरस्कार पर लिखा गया है, ‘आंगनवाड़ी में दोपहर का अंडा मुक्त आहार, प्रगतिशीलता का उज्ज्वल इजहार’. इसमें यह भी कहा गया है कि मुख्यमंत्री का स्वस्थ फैसला और जानवरों के प्रति सद्भावना औरों को भी आकर्षित करेगी और उनके जज्बात में भी हलचल मचा देगी.’
इसमें यह भी कहा गया है, ‘अपनी भोजन सूची से अंडे निकाल बाहर करने के मुख्यमंत्री के फैसले और अपने स्वास्थ्य के प्रति हर समझदार शख्स की पेटा सराहना करता है.’ विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्य में दोपहर के भोजन की सूची में शामिल सब्जियों का पौष्टिक और प्रोटीन से भरपूर मिश्रण, साथ ही चना, आलू, हरा मटर, मसूर और सोया बच्चों के लिए उत्तम है.
गौरतलब है कि हाल ही में बीजेपी की एक बैठक में मुख्यमंत्री चौहान, जो विशुद्ध शाकाहारी हैं, ने आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों और गर्भवती महिलाओं को ज्यादा प्रोटीन मुहैया कराने के मकसद से अंडे परोसे जाने वाला एक प्रस्ताव खारिज कर दिया था.
उन्होंने इस प्रस्ताव से इंकार करते हुए कहा था, ‘आंगनवाड़ी केंद्रों में परोसे जाने वाले भोजन में अंडा शामिल नहीं होगा.’ चौहान ने कहा था, ‘अंडे तो नहीं, लेकिन दूध जरूर ही आंगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चों और गर्भवती महिलाओं को मुहैया कराया जाएगा.’
(इनपुट: भाषा)