राज्यसभा मे हंगामे को लेकर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा अब सदन की इज्जत दांव पर है. हमारे पास दो रास्ते हैं या तो हंगामा करने वालों पर कर्रवाई करें या फिर सदन स्थगित कर दें. नायडू ने कहा कि आप 'टॉक ऑउट करें या वॉक ऑउट करें'. ये कहते हुए राज्य सभा सभापति ने कल तक (बुधवार तक) के लिए राज्यसभा को स्थगित कर दिया. उन्होंने कहा कि अगर कल भी सदन नहीं चला तो देखेंगे कि क्या कर्रवाई करनी है.
पहले भी सदन की कार्यवाही न चलने से नाराज हुए थे वेंकैया नायडू
पिछले सप्ताह भी वेंकैया नायडू ने सदन ना चलने को लेकर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि 'इस सदन को नहीं चलने दिया जा रहा है. राज्यसभा उच्च सदन है, लेकिन सदस्यों का व्यवहार अफसोस जनक है. प्राइवेट मेंबर बिल पर भी बात नहीं हो रही है. लोग हमसे सवाल पूछ रहे हैं कि क्यों न पूरे बजट सत्र को स्थगित कर दिया जाए, लेकिन ये समस्या का समाधान नहीं है. हम सभी दलों के सदस्यों से जानना चाहते हैं कि क्या उनका ये व्यवहार मर्यादित है? आपको बता दें कि पिछले 4 सप्ताह से ज्यादा का वक्त हो गया है जिसमें राज्यसभा में कोई कामकाज नहीं हो पाया है. जिसके चलते राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू काफी नाराज दिखे.
राज्यसभा में इस सत्र में केवल एक बिल पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी अमेंडमेंट बिल 2018 ही पास हो पाया है, जबकि देश के हित से जुड़े दर्जनों बिल राज्यसभा में पेंडिंग हैं. मंगलवार को संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने ये जानकारी दी थी कि राज्यसभा को चलाने के लिए प्रत्येक मिनट में ढाई लाख रुपये खर्च होता है. लेकिन जिस तरीके से पिछले 4 सप्ताह से सदन नहीं चल रहा है देश की जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा पानी की तरह बह रहा है. उसके बावजूद देश के नेता हंगामा करने से बाज नहीं आ रहे हैं.
इतने दिनों से क्यों स्थगित हो रही राज्यसभा
विपक्षी दलों की अपनी-अपनी मांग है. कांग्रेस नीरव मोदी पर चर्चा चाहती है तो वहीं TDP आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जे की मांग को लेकर हंगामा कर रही है। तो AIADMK कावेरी के मसले पर हंगामा कर रही है. हालांकि सरकार का कहना है कि वो हर एक मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है, इसके बाबजूद भी संसद नहीं चल पा रहा है.