पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन को राज्यसभा सभापति और देश के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने अपने लिए निजी क्षति बताया है. इसके बाद जब उप राष्ट्रपति लोधी रोड स्थित शवदाह गृह में सुषमा स्वराज को अंतिम विदाई देने पहुंचे तो उनके पार्थिव शरीर के सामने फफक-फफक कर रो पड़े. नायडू पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को छोटी बहन मानते थे जो हर रक्षा बंधन उन्हें राखी बांधा करती थीं.
इससे पहले राज्यसभा में सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि देते हुए वेंकैया नायडू ने कहा कि वह एक सक्षम प्रशासक और जनता की सच्ची आवाज थीं. वेंकैया नायडू ने कहा कि सुषमा एक रोल मॉडल के तौर पर उभरीं और उन्हें ऐसी मंत्री के रूप में जाना गया जिनसे सबसे आसानी से संपर्क किया जा सकता है.
राज्यसभा में पूरे सदन ने मौन रखकर सुषमा स्वराज को याद किया और दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि दी. मोदी सरकार में सुषमा स्वराज के साथ कैबिनेट मंत्री रह चुके नायडू ने कहा कि वह मुश्किल वक्त का भी हंसकर सामने करने में सक्षम और एक महान वक्ता थीं. उन्हें हिन्दी और अंग्रेजी दोनों ही भाषाओं में बराबर की महारत हासिल थी. कश्मीर के मुद्दे पर किया उनका आखिरी ट्वीट एक देश और एक विधान के विषय पर उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
Paid my last respects to Smt. Sushma Swaraj Ji at her residence, in New Delhi today and offered my profound condolences to her family. It is a great personal loss to me. In her demise, the nation has lost one of its most beloved and distinguished daughters. #sushma #SushmaSawraj pic.twitter.com/F87zy2LLRt
— VicePresidentOfIndia (@VPSecretariat) August 7, 2019
सभापति नायडू ने सुषमा स्वराज को अपनी छोटी बहन बताते हुए कहा कि वह मुझे अन्ना यानी बड़ा भाई कहकर संबोधित करती थीं. उन्होंने कहा कि सुषमा हर साल रक्षा बंधन पर मुझे राखी बंधाती थीं लेकिन इस साल मुझे यह सौभाग्य प्राप्त नहीं होगा. नायडू ने उन्हें याद करते हुए कहा कि जब मैंने एक बार उनके घर जाकर राखी बंधवानी चाही तो सुषमा ने फोने कर मुझे आने से मना करते हुए कहा कि आप मेरे घर मत आइये क्योंकि आप देश के उपराष्ट्रपति हैं, मैं ही आपके घर आकर राखी बांध दूंगी.
अंतिम विदाई देकर रोने लगे वेंकैया नायडू
पूर्व विदेश मंत्री सुषमा तीन बार राज्यसभा की सदस्य रहीं और चार बार लोकसभा की सदस्य रहीं. इसके अलावा वह वाजपेयी सरकार से लेकर मोदी सरकार तक विभिन्न मंत्रालयों को संभालती रहीं. उन्होंने इस साल स्वास्थ्य कारणों से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था. दिल्ली के एम्स में दिल का दौरा पड़ने से मंगलवार रात 67 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया.